छत्तीसगढ़राज्य

सरकार और राइस मिलर्स के बीच लंबित मुद्दों पर बनी सहमति, सोमवार से होगा समितियों से धान का उठाव

रायपुर

आखिरकार राइस मिलर्स और सरकार के बीच लंबित मुद्दों पर सहमति बन गई है. इसके साथ ही 15 नवंबर से समितियों में जमा हो रहे धान के उठाव का रास्ता खुल गया है. सरकार और राइस मिलर्स ने एक स्वर में सोमवार से धान उठाव की बात कही है.

राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल समेत प्रदेश भर से राइस मिलरों ने आज मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल से मुलाक़ात कर बैठक में बातचीत की. बैठक के बाद मंत्री जायसवाल ने बताया कि राइस मिलर्स हड़ताल पर नहीं थे. कई मुद्दों को लेकर सरकार नए नियम और प्रक्रिया लाती है, राइस मिलरों की कुछ आपत्ति थी. जिसे मुख्यमंत्री ने बैठक कर पूरा करने आश्वासन दे दिया था. आने वाले कैबिनेट में राइस मिलर्स की मांगें पूरी की जाएगी, इसके साथ ही तकनीकी समस्याओं का भी हल निकाल लिया गया है.

मंत्री जायसवाल ने कहा कि सबसे बड़ा उद्योग और व्यवसाय राइस मिलिंग का है. सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं राज्य के बाहर भी धान भेजा जाता है. प्रदेश में तीन हज़ार से अधिक राइस मिलर्स है. आज बैठक में तय किया गया है. पूरी ताक़त के साथ राइस मिलर्स धान उठाव करेंगे. एक-एक दाना धान ख़रीदी की ओर कार्य होगा. जिसका पंजीयन और एग्रीमेंट नहीं हुआ वो करेंगे. सोमवार से धान उठाव होगा.

राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि हम हड़ताल में नहीं गए थे. हमारी समस्या कुछ बिंदुओं को लेकर थी, जिनका सरकार के साथ बैठक में निराकरण हो गया है. प्रोत्साहन राशि 60 से 80 रुपए कर दी गई है. सरकार पहले भाड़ा राशि देने से इनकार कर रही थी, लेकिन अब वो भी मिलेगा.

अग्रवाल ने कहा कि चार हजार करोड़ लंबित राशि सरकार से लेना था, जिसे किश्तों के जरिये देने पर सहमति बनी है. हम सरकार के साथ खड़े है. साय सरकार का आभार की हमारी सुविधाओं और मांगों पर विचार कर पूरा करने का आश्वासन दिया, जिससे राइस मिलर्स और किसानों के बीच समन्वय बने. सोमवार से धान का उठाव होगा.

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp