छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ जनसंपर्क

छत्तीसगढ़ में शिक्षा, नवाचार और कौशल विकास के नए युग की शुरुआत : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय…

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आज छत्तीसगढ़ में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री श्री साय आज राजधानी स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित विशेष कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रायपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच हुए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर के साक्षी बने। समझौते के तहत स्थापित होने वाले उद्यमिता केन्द्र का निर्माण 2025-26 में शुरू होगा और 2027-28 तक इसे पूरी तरह से संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है।

गांव-गांव तक पहुंचेगी शिक्षा, कौशल और नवाचार क्रांति: मुख्यमंत्री श्री साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि आज के एमओयू से छत्तीसगढ़ में अंजोर विजन को साकार करने में बड़ी मदद मिलेगी। इस एमओयू से छत्तीसगढ़ में गांव-गांव तक शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार की नई क्रांति युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साझेदारी के तहत “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र” स्थापित होगा, जो युवाओं को शोध, प्रयोग और उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाएगा।

त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर
मुख्यमंत्री ने युवाओं को शिक्षा, कौशल और नवाचार का संबल प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र केवल एनआईटी या आईआईएम के छात्रों तक सीमित न रहे, बल्कि गांव-गांव के युवाओं को भी लाभान्वित करे। उन्होंने उद्योग जगत से भी इस शिक्षा और कौशल विकास आंदोलन से जुड़ने का आग्रह किया।

संसाधन आधारित नहीं, बल्कि नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने वाला राज्य बनेगा छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री श्री साय

श्री साय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ अब कोर सेक्टर के साथ-साथ सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे अत्याधुनिक उद्योगों का केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। बीते 20 महीनों में साढ़े तीन सौ से अधिक सुधारों से निवेश का वातावरण मजबूत हुआ है और सिर्फ आठ महीने में पौने सात  लाख करोड़ रूपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने सभी से संकल्प लेने का आह्वान किया कि छत्तीसगढ़ को संसाधन आधारित नहीं, बल्कि नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने वाला राज्य बनाया जाए, जहाँ युवा बदलाव के लिए काम करें और उद्यमी समाज को दिशा दें।

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन बनायेगा किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केन्द्र

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सह-संस्थापक एवं चेयरमैन श्री रामदेव अग्रवाल ने कार्यक्रम मे किसानों के लिए रायपुर में देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अत्यंत समृद्ध प्रदेश है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं, और उनका फांउडेशन इसके विकास के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। श्री अग्रवाल ने बताया कि फाउंडेशन ने अपनी कुल राशि का 10 प्रतिशत दान के लिए निर्धारित किया है, जिसका उपयोग समाज कल्याण के कार्यों में किया जाएगा।

त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का 172 करोड़ रुपये का योगदान

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने आईआईएम  रायपुर और एनआईटी रायपुर को कुल 172 करोड़ रूपए के दान की घोषणा की है। इसमें से 101 करोड़ आईआईएम रायपुर को और 71 करोड़ एनआईटी रायपुर को आवंटित किया गया है। इस दानराशि से आईआईएम रायपुर में ओसवाल छात्रवास के 202 कमरे और दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर की स्थापना होगी। साथ ही, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की शीर्ष संस्थाओं के साथ छह अंतरराष्ट्रीय एमबीए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

इसी प्रकार एनआईटी रायपुर में श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी, जो एआई, रोबोटिक्स, इंडरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में काम करेगा। 2030 तक यह केंद्र 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करेगा, 250 से अधिक स्टार्ट-अप इनक्यूबेट करेगा और 5 हजार से अधिक नौकरियां सृजित करेगा।

त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर

दानराशि से एनआईटी रायपुर में श्री अग्रवाल की दिवंगत माताजी की स्मृति में नवाचार और उद्यमिता के लिए श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अत्याधुनिक सुविधा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन और क्लीन एनर्जी जैसे डीप-टेक क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। 2030 तक इस केंद्र के माध्यम से दस हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने, 250 से अधिक स्टार्ट-अप्स को इनक्यूबेट करने और पांच हजार से अधिक कुशल नौकरियों का निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

यह पहल छत्तीसगढ़ की प्रमुख औद्योगिक जरूरतों – जैसे खनन, स्टील और सैन्युफैक्चरिंग के अनुरूप तैयार की गई है और स्थानीय उद्योगों के साथ मिलकर वास्तविक समस्याओं के समाधान पर काम करेगी।इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव श्री एस. भारतीदासन, छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के, एनआईटी के चेयरमैन डॉ. सुरेश हावरे, आईआईएम  के चेयरमैन श्री पुनीत डालमिया, एनआईटी के निदेशक श्री एन. वी. प्रसन्ना राव, आईआईएम के प्रभारी निदेशक डॉ. संजीव पाराशर, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद् एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp