छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ जनसंपर्क

वीर सिपाहियों की कलाई न रहे सूनी -छत्तीसगढ़ की बहनों ने भेजे रक्षासूत्र और दिल से लिखे पत्र

रायपुर,

 वीर सिपाहियों की कलाई न रहे सूनी -छत्तीसगढ़ की बहनों ने भेजे रक्षासूत्र और दिल से लिखे पत्र

रक्षाबंधन पर्व के पहले छत्तीसगढ़ में देशभक्ति और भाईचारे की अद्भुत मिसाल पेश की गई। उत्तर बस्तर कांकेर की महिलाओं ने सीमाओं पर तैनात देश के जांबाज सैनिकों के लिए रक्षासूत्र और भावनाओं से भरे पत्र भेजकर यह जताया कि उनका रक्षक सिर्फ उनका भाई ही नहीं, बल्कि सरहद पर डटे वीर जवान भी हैं। यह पहल न केवल रक्षाबंधन को एक नया आयाम देती है, बल्कि देश के प्रति नागरिक जिम्मेदारी और भावनात्मक एकजुटता का भी परिचायक है। छत्तीसगढ़ की धरती से उठी यह आत्मीय भावना एक संदेश है दृ जब तक सैनिक जागते हैं, तब तक देश चैन से सोता है३ और उनकी कलाई पर बंधा रक्षासूत्र, पूरे भारत की बहनों की प्रार्थना का प्रतीक है।
कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री भोजराज नाग द्वारा दिशा समिति की समीक्षा बैठक के पश्चात एक भावुक पल देखने को मिला, जब महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महतारी वंदन योजना से लाभान्वित महिलाओं ने स्वयं के हाथ से लिखे गए पत्रों और रक्षासूत्रों को सांसद श्री नाग को सौंपते हुए आग्रह किया कि ये निश्छल भावनाएं सीमा पर तैनात जवानों तक जरूर पहुंचवाएं।
सांसद श्री भोजराज नाग ने महिलाओं के इस स्नेह और समर्पण की सराहना करते हुए कहा, ष्हम देश के भीतर तब ही सुरक्षित रह सकते हैं, जब सीमा पर हमारे सैनिक रात-दिन डटे रहते हैं। इन रक्षासूत्रों में नारी शक्ति की दुआएं और कृतज्ञता छिपी है, जो हमारे सैनिकों के मनोबल को और ऊंचा करेगी।ष् उन्होंने वादा किया कि हर पत्र और हर रक्षासूत्र वीर सैनिकों तक पहुंचाया जाएगा।
जिला कलेक्टर कांकेर ने सभी महिलाओं से भावुक अपील की है कि इस रक्षाबंधन पर वे अपने स्नेह का प्रतीक रक्षासूत्र देश के सैनिक भाइयों के लिए भी भेजें। उन्होंने कहा, ष्जो सैनिक अपने प्राणों की परवाह किए बिना देश की सुरक्षा में लगे हैं, उनके लिए हर नागरिक के दिल में आदर और स्नेह होना चाहिए।

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp