मध्यप्रदेश

रथ यात्रा के दौरान फेंकी चप्पल, कार्रवाई की मांग

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में शुक्रवार देर रात एक वीडियो सामने आने के बाद तनाव बढ़ गया, जिसमें जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान शाही मस्जिद पर कुछ उपद्रवियों द्वारा चप्पल फेंके जाने की बात सामने आई। वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया।

जानकारी के अनुसार, यह घटना उस समय हुई, जब शहर में दो रथ यात्राओं में से एक मस्जिद के पास से गुजर रही थी। यात्रा ढाबा रोड स्थित जगदीश मंदिर से शुरू हुई थी और गोपाल मंदिर के दर्शन करने के बाद उसी रास्ते से वापस लौट रही थी। वीडियो में जुलूस के गुजरने के दौरान मस्जिद की ओर तीन बार चप्पल फेंकी जाती दिख रही है।

खारा कुआं थाने के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए नारे लगाए और सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह कृत्य जानबूझकर किया गया था और इसका उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना था। उन्होंने सबूत के तौर पर वायरल वीडियो पुलिस को सौंपा और मांग की कि जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाए और उन्हें दंडित किया जाए।

पुलिस के अनुसार, धार्मिक जुलूस के गुजरने के दौरान छत्री चौक इलाके में स्थित मस्जिद पर चप्पल फेंकी गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश भार्गव ने पुष्टि की कि औपचारिक शिकायत मिली है और आश्वासन दिया कि जांच चल रही है। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किए जाने के साथ देर रात तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

जानकारी के अनुसार, यह घटना उस समय हुई, जब शहर में दो रथ यात्राओं में से एक मस्जिद के पास से गुजर रही थी। यात्रा ढाबा रोड स्थित जगदीश मंदिर से शुरू हुई थी और गोपाल मंदिर के दर्शन करने के बाद उसी रास्ते से वापस लौट रही थी। वीडियो में जुलूस के गुजरने के दौरान मस्जिद की ओर तीन बार चप्पल फेंकी जाती दिख रही है।

खारा कुआं थाने के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए नारे लगाए और सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह कृत्य जानबूझकर किया गया था और इसका उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना था। उन्होंने सबूत के तौर पर वायरल वीडियो पुलिस को सौंपा और मांग की कि जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाए और उन्हें दंडित किया जाए।

पुलिस के अनुसार, धार्मिक जुलूस के गुजरने के दौरान छत्री चौक इलाके में स्थित मस्जिद पर चप्पल फेंकी गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश भार्गव ने पुष्टि की कि औपचारिक शिकायत मिली है और आश्वासन दिया कि जांच चल रही है। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किए जाने के साथ देर रात तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

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