स्वास्थ्य

मध्यप्रदेश में पहली बार किया गया हार्ट ट्रांसप्लांट

भोपाल| मध्यप्रदेश ने चिकित्सा सेवाओं में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश में पहली बार सफलतापूर्वक हार्ट ट्रांसप्लांट संपन्न किया गया है। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग और नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर और एम्स भोपाल के चिकित्सीय स्टाफ की सजगता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रमाण है। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग जनसेवा के प्रति पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने प्रक्रिया में शामिल डॉक्टरों, सहयोगी स्टाफ और पुलिस प्रशासन को बधाई दी है, जिनकी मेहनत और तत्परता से यह संभव हो पाया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मरीज के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि इस प्रक्रिया में ग्रीन कॉरिडोर और पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा का उत्कृष्ट उपयोग किया गया। इस जनहितैषी सेवा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, प्रशासन की सजगता और तालमेल ने ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से अंगों को समय पर पहुंचाने का कार्य संभव हो सका। जबलपुर, भोपाल और इंदौर में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए, जो प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है।

परिवारजनों का उदार और संवेदनशील निर्णय सराहनीय और अनुकरणीय

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सागर जिले के ग्राम मानक्याई निवासी 61 वर्षीय बलिराम कुशवाहा के परिवारजनों द्वारा अंगदान की पहल को महान और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि बलिराम कुशवाहा के परिवारजनों ने इस कठिन समय में जो उदार और संवेदनशील निर्णय लिया है, वह न केवल सराहनीय है, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी है। उन्होंने परिवारजनों की परोपकारिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका यह कदम एक नई जिंदगी देने का अद्भुत उदाहरण है और मानवता की सेवा का प्रतीक है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने समस्त प्रदेशवासियों से इस महान कार्य से प्रेरणा लेने और अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा का उपयोग गंभीर मरीजों के परिवहन के साथ इस प्रकार की आपातकालीन और महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाओं के लिए भी किया जा रहा है। यह सेवा हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को और अधिक सशक्त बना रही है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने ट्रांसप्लांट के बाद मरीज के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया केवल चिकित्सा क्षेत्र की सफलता ही नहीं, बल्कि मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक नई आशा का संचार करती है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि चिकित्सकीय सेवाओं के प्रदाय में एक महत्वपूर्ण सोपान है।

उल्लेखनीय है कि जबलपुर में ब्रेन डेड मरीज की सूचना मिलते ही राज्य शासन ने तुरंत कार्रवाई की। एम्स भोपाल के डॉक्टरों की एक टीम रातों-रात जबलपुर पहुंची और अंग रिट्रीवल की प्रक्रिया को अंजाम दिया। इस पूरी प्रक्रिया में जबलपुर, भोपाल और इंदौर में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। पुलिस और चिकित्सा विभाग ने बेहतरीन समन्वय से अंगों का समय पर परिवहन सुनिश्चित हुआ। ब्रेन डेड मरीज का हृदय ग्रीन कॉरिडोर और एयर एम्बुलेंस के माध्यम से जबलपुर से भोपाल लाया गया।

एम्स भोपाल में इस हृदय का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया। लीवर को हेलीकॉप्टर और वायुयान के माध्यम से इंदौर स्थित चोइथराम अस्पताल भेजा गया। लीवर को पहले हेलीकॉप्टर से भोपाल हवाई अड्डे लाया गया और वहां से वायुयान के माध्यम से इंदौर पहुंचाया गया। चोइथराम अस्पताल में लीवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया जारी है।

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