छत्तीसगढ़राज्य

दंतेवाड़ा : सामुदायिक पोषण व्यवहार की हो रही पहल

दंतेवाड़ा

महिला बाल विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिले में कुपोषण के मध्यम और गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर प्रत्येक माह उनके घर जाकर पोषण संबंधी जानकारी दी जा रही है और पोषण व्यवहार में सकारात्मक बदलाव पर जोर दिया जा रहा है। विशेषज्ञों के मतानुसार 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अधिकतर कुपोषण के शिकार होते हैं, जबकि उनका अधिकांश समय घर पर ही बीतता है और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी परिवार की ही होती है। और बाल पोषण की जानकारी के अभाव में परिवारजन बच्चे की सही देखभाल नहीं कर पाते, जिससे बच्चा धीरे-धीरे कुपोषण का शिकार हो जाता है।

इस क्रम में सेक्टर नकुलनार, अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षिकाओं द्वारा ग्राम पंचायत श्यामगिरी के घर-घर जाकर गृह भेंट के माध्यम से बच्चों के पालकों को बालकों के खान-पान से संबंधित जानकारी दी जा रही है। इस दौरान ग्राम श्यामगिरी के ही 2 माह के आयुष नामक शिशु की माता मीना को गृह भेंट के दौरान समझाया गया कि बच्चे के छह माह तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। इस अवधि में बच्चे की पानी की आवश्यकता भी माँ के दूध से पूरी हो जाती है, इसलिए अलग से पानी देने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही, बच्चे के सभी निर्धारित टीकाकरण समय पर कराना जरूरी है।

मीना को यह भी सलाह दी गई कि वह अपने आहार में हरी साग-भाजी, मुनगा (सहजन) और मौसमी फल जैसी उपलब्ध पोषक चीजों को शामिल करें। सेक्टर नकुलनार में सुपोषण अभियान के तहत गर्भवती, धात्री महिलाओं और कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन गर्म भोजन भी प्रदान किया जा रहा है। इस संबंध में मीना ने बताया कि वह नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्र जाकर भोजन ग्रहण कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि कुपोषण के खिलाफ जंग तभी सफल होगी जब माता-पिता और परिवारजन अपने पोषण व्यवहार में बदलाव लाएंगे। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, सभी सेक्टर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित कर यह सुनिश्चित किया गया कि गृह भेंट के दौरान कुपोषित बच्चों को रेडी-टू-ईट खाद्य सामग्री की निर्धारित मात्रा वितरित करने के लिए परिवारों को प्रेरित किया जाए।

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp