रामायण की कथा थाई लोक-जीवन में रची-बसी: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरुवार को छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के लिए थाईलैंड पहुंचे। यहां बैंकॉक में उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। थाई पीएम पैतोंगतार्न शिनवात्रा ने बैंकॉक में गवर्नमेंट हाउस में पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी ने बैंकॉक में थाई पीएम शिनावात्रा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की। मोदी ने दिन की शुरुआत में थाई रामायण रामकियेन का एक प्रदर्शन देखा। इसके बाद मोदी और थाई पीएम शिनावात्रा ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
भूकंप में जनहानि पर जताई संवेदना
पीएम मोदी ने कहा, इस खूबसूरत स्वर्ण भूमि में मेरे और मेरे डेलिगेशन के गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य सत्कार के लिए मैं पीएम शिनावात्रा का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। 28 मार्च को आए भूकंप में हुई जनहानि के लिए मैं भारत के लोगों की ओर से गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं और हम घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। उन्होंने कहा, भारत और थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं। बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे जन-जन को जोड़ा है। अयुत्थया से नालंदा तक विद्वानों का आदान-प्रदान हुआ है। रामायण की कथा थाई लोक-जीवन में रची-बसी है और संस्कृत-पाली के प्रभाव आज भी भाषाओं और परंपराओं में झलकते हैं।
स्ट्रैटिजिक डायलॉग स्थापित करने पर चर्चा
पीएम मोदी ने कहा, मैं थाईलैंड सरकार का आभारी हूं कि मेरी यात्रा के उपलक्ष्य में 18वीं शताब्दी की रामायण म्यूरल पेंटिंग्स पर आधारित एक विशेष डाक-टिकट जारी किया गया है। प्रधानमंत्री शिनावात्रा ने अभी मुझे त्रिपिटक भेंट की। बुद्ध भूमि भारत की ओर से मैंने इसे हाथ जोड़ कर स्वीकार किया। पीएम ने कहा, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हमारे इंडो पैसिफिक विजन में थाईलैंड का विशेष स्थान है। आज हमने अपने संबंधों को स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप का रूप देने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों के बीच स्ट्रैटिजिक डायलॉग स्थापित करने पर भी चर्चा की।
टूरिज्म में सहयोग पर बल
प्रधानमंत्री ने कहा, साइबर क्राइम के शिकार भारतीयों को वापस भारत भेजने में थाईलैंड सरकार से मिले सहयोग के लिए हमने थाईलैंड सरकार का आभार प्रकट किया। हमने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और थाईलैंड के बीच टूरिज्म, कल्चर, एजुकेशन क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि आपसी व्यापार, निवेश और बिजनेस के बीच आदान प्रदान बढ़ाने पर हमने बात की। एमएसएमई, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट में भी सहयोग के लिए समझौते किए गए हैं। भारत आसियान यूनिटी और आसियान सेंट्रलिटी का पूर्ण समर्थन करता है। इंडो पैसिफिक में फ्री, ओपन, इंक्लूसिव और रूल बेस्ड बॉर्डर का हम दोनों समर्थन करते हैं। हम विस्तारवाद नहीं, विकासवाद की नीति में विश्वास रखते हैं।