
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले से जुड़े कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। पश्चिम बंगाल में एसएससी ने 2016 में 25 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षकों को नियुक्ति की थी। हाईकोर्ट ने इन नियुक्तियों को अवैध करार देते हुए कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की जांच को सही माना और कहा कि पूरी प्रक्रिया में धोखाधड़ी की गई। इसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सुनवाई की। शीर्ष कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थीं। इसके साथ ही सीबीआई जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर 4 अप्रैल को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है।
ममता बोलीं- व्यक्तिगत तौर पर फैसला स्वीकार नहीं
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ देर बाद ही सीएम ममता बनर्जी का बयान आया। ममता ने कहा- वह व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करती हैं, लेकिन उनकी सरकार इसे लागू करेगी और चयन प्रक्रिया को फिर से दोहराएगी। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या विपक्षी भाजपा और सीपीएम चाहते हैं कि बंगाल की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाए।
भाजपा बोली- भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की
राज्य भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ममता बनर्जी के शासन में कैसे पश्चिम बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की योग्यता को पैसे के बदले बेचा गया!