राजगढ़ में दहशत फैलाने वाले डकैतों की गैंग के सदस्य पुलिस की गिरफ्त में
पारदी गैंग के हर सदस्य पर देश भर में हैं ढेरों अपराध, दर्जनों अपराध सिर्फ गुना एवं आसपास के जिले के ही
कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत लूट और चोरी की घटना को अंजाम देने वाले देश भर में चोरी और लूट के लिए विख्यात पारदी गैंग के सदस्य पुलिस की गिरफ्त में
जिस जंगल को पारदी गैंग वर्षों से अपना किला मानती रही, उसी जंगल में राजगढ़ पुलिस ने उनकी रणनीति तोड़ी
*42 घंटे तक लगातार चला सर्चिंग ऑपरेशन, 20 किलोमीटर जंगल को छान मारा पुलिस की टीमों ने*
*घने जंगल और कोहरे का फायदा उठाकर फरार होने में कामयाब रहे कुछ आरोपी, जल्द ही होंगे गिरफ्त में*
राजगढ़
नगर में 24–25 दिसंबर 2025 की मध्यरात्रि को थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत घटित चोरी, चोरी के प्रयास एवं हथियारबंद लूट/डकैती की घटनाएँ सामान्य आपराधिक वारदात नहीं थीं। यह वारदातें देशभर में कुख्यात, अत्यंत चालाक एवं हिंसक पारदी गैंग द्वारा की गई थीं, जिनकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए सदैव अत्यंत चुनौतीपूर्ण रही है।
इन घटनाओं के बाद राजगढ़ पुलिस ने इसे प्रतिष्ठा एवं कानून-व्यवस्था की गंभीर चुनौती के रूप में लिया।
📌 *घटना का संक्षिप्त विवरण*
दिनांक 24–25.12.2025 की रात—
करीब 12 हथियारबंद बदमाशों ने सराफा बाजार की तीन दुकानों के ताले तोड़कर चोरी की
बांसवाड़ा क्षेत्र में एक आम नागरिक से मारपीट कर हवाई फायर किया
पीड़ित की मोटरसाइकिल, नगदी एवं जेवर लूटकर फरार हो गए
आरोपियों द्वारा खुलेआम हथियारों का प्रदर्शन किए जाने से आमजन में भय व्याप्त हो गया।

📂 *पंजीबद्ध अपराध*
फरियादियों की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली राजगढ़ में निम्न अपराध पंजीबद्ध किए गए—
अपराध क्र. 806/2025 – धारा 331(2), 305-A बीएनएस
अपराध क्र. 807/2025 – धारा 331(2), 305-A बीएनएस
अपराध क्र. 808/2025 – धारा 311, 312 बीएनएस
अपराध क्र. 809/2025 – धारा 311, 312 बीएनएस एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट
प्रारंभिक जांच में पुलिस टीम को प्राप्त हुई तकनीकी जानकारी के आधार पर जिला पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी (भा.पु.से.) द्वारा जिले की विशेष टीम को इस घटनाक्रम की छोटी से छोटी बारीकियों पर नजर रखते हुए अपराधियों की पतासाजी हेतु काम पर लगाया गया। वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के. एल. बंजारे एवं अनुविभागीय पुलिस अधिकारी अरविंद राठौर के कुशल नेतृत्व में थाना कोतवाली की टीम द्वारा भौतिक साक्ष्य जुटाने का कार्य प्रारंभ किया गया।
(वारदात का तरीका)
विवेचना के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि— वारदात रात्रि के अंतिम पहर में की गई आरोपी समूह में, हथियारों के साथ आए पहले दुकानों के ताले तोड़कर चोरी, फिर नागरिक को डराने हेतु हवाई फायरिंग ,वारदात के तुरंत बाद जंगलों की ओर पलायन यह तरीका पारदी गैंग के पुराने अपराध पैटर्न से पूर्णतः मेल खाता है।
🧩 *तकनीकी विश्लेषण एवं लोकेशन ट्रेस*
राजगढ़ पुलिस द्वारा—
घटनास्थल के भौतिक साक्ष्य
साइबर एवं तकनीकी विश्लेषण
टावर लोकेशन
मुखबिर तंत्र
के समन्वय से आरोपियों की मौजूदगी जिला गुना के थाना धरनावदा क्षेत्र अंतर्गत बिलास–सामरसिंघा के दुर्गम जंगलों में चिन्हित की गई।
👮*टीमों का गठन*
पुलिस अधीक्षक राजगढ़ अमित तोलानी (IPS) के निर्देशन में 05 विशेष पुलिस टीमों का गठन किया गया, जिनमें जिले के स्पेशल 75 अधिकारी/कर्मचारियों को शामिल किया गया।
🌲 *42 घंटे का साहसिक जंगल ऑपरेशन*
*जंगल — जो अपराधियों की ढाल था, वही बना उनकी कमजोरी*
जिस क्षेत्र में पारदी गैंग ने छिपने के लिए अपना ठिकाना बनाया था, वह सामान्य जंगल नहीं था। यह इलाका गुना जिले के धरनावदा क्षेत्र अंतर्गत बिलास–सामरसिंघा का दुर्गम वन क्षेत्र है, जहाँ—
* कई किलोमीटर तक कोई सड़क या पगडंडी नहीं
* मोबाइल नेटवर्क अत्यंत कमजोर अथवा शून्य
* घने, ऊँचे पेड़ जो दिन में भी दृश्यता सीमित कर देते हैं
* पथरीला, असमान भू-भाग जहाँ तेज़ चलना भी जोखिमपूर्ण
* रात्रि में कोहरा, ठंड और जंगली जानवरों की आशंका
* यही जंगल वर्षों से पारदी गैंग के लिए प्राकृतिक सुरक्षा कवच का कार्य करता रहा है।
वारदात के बाद आरोपी जानबूझकर इसी जंगल में बिखरकर छिप जाते हैं, ताकि पुलिस टीम अलग-थलग पड़ जाए और कार्रवाई असफल हो जाए।
*पुलिस के सामने असली चुनौती*
इस जंगल में कार्रवाई का अर्थ था—
* पूर्ण अंधकार में हथियारबंद अपराधियों का सामना
* हर झाड़ी के पीछे से फायरिंग की आशंका
* जंगल की भौगोलिक जानकारी आरोपियों के पक्ष में
* किसी भी क्षण घेराबंदी टूटने का खतरा
* घायल होने पर तत्काल मेडिकल सहायता संभव नहीं
* यह ऑपरेशन केवल गिरफ्तारी नहीं, बल्कि सुरक्षा, धैर्य और निर्णय क्षमता की परीक्षा था।

🛡️ *पुलिस ने वही किया, जिसकी अपराधियों को उम्मीद नहीं थी*
जहाँ आमतौर पर अपराधी जंगल का उपयोग पुलिस से बचने के लिए करते हैं,
राजगढ़ पुलिस ने उसी जंगल को ऑपरेशन का मैदान बना दिया।
पुलिस टीमों ने—
* जंगल में बिना रोशनी के मूवमेंट किया
* अलग-अलग दिशाओं से धीरे-धीरे घेराबंदी की
* मुखबिर सूचना के आधार पर अपराधियों के ठिकानों तक पहुँची
* जंगल के भीतर ही आमना-सामना कर दबिश दी
यह कार्रवाई इस कारण भी अत्यंत साहसिक थी क्योंकि पुलिस अपराधियों को उनके सबसे सुरक्षित स्थान पर चुनौती दे रही थी।
*गिरफ्तार आरोपी*
01. जीवा पिता रोवा पारदी उम्र 42 साल निवासी ग्राम कनारी थाना धरनावदा
आपराधिक रिकॉर्ड थाना धरनावदा, जिला गुना
1. अपराध क्रमांक 24/2002 धारा 109 सीआरपीसी
2. अपराध क्रमांक 27/2002 धारा 109 सीआरपीसी
3. अपराध क्रमांक 65/2006 धारा 341, 323,34 भादवि
4. अपराध क्रमांक 275/2007 धारा 34 आबकारी एक्ट
5. अपराध क्रमांक 25/2011 धारा 25/27 आर्म्स एक्ट
6. अपराध क्रमांक 37/2011 धारा 325,323,504 भादवि
7. अपराध क्रमांक 188/2013 धारा 147,148,149,294,427, 506-बी भादवि
थाना हरि पर्वत, जनपद आगरा
1. अपराध क्रमांक 611/2009 धारा 457,380 भादवि
2. अपराध क्रमांक 823/2009 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट,
थाना बारियातु, जिला रांची, झारखंड
01. अपराध क्रमांक 191/2017 धारा 395 भादवि
02. गिरिराज पिता जगदीश पारदी उम्र 23 साल निवासी ग्राम बीलाखेडी थाना धरनवदा
आपराधिक रिकॉर्ड
अपराध क्रमांक 14/2023 धारा 294,323,34,341,506 भादवि
03. छोटू पिता छैला पारदी उम्र 20 साल निवासी – थाना धरनावदा, जिला गुना
पूछताछ में तीनों आरोपियों ने घटनाओं में शामिल होना स्वीकार किया है।
*बरामदगी गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से*
01 भरमार बंदूक, 115 टोपी (भरमार बंदूक में लगने वाली), 15 जिंदा कारतूस (12 बोर), ₹30,000/- नगद, 06 मोटरसाइकिल, 01 गुलेल, चोरी व लूट में प्रयुक्त अन्य सामग्री सहित कुल 02 लाख 50 हजार का मशरूका बरामद किया गया

