औषधि केंद्र में लगी आग का पूर्व विधायक ने किया निरीक्षण, गंभीर लापरवाहियाँ उजागर की

लखन गुर्जर राजगढ़, जिला चिकित्सालय स्थित औषधि केंद्र में लगी आग की घटना का बापू सिंह तंवर ने निरीक्षण किया गया।।
यह आग मात्र एक दुर्घटना नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाहियों, प्रशासनिक खामियों और नियमों की खुलेआम अनदेखी को उजागर करती है।
निरीक्षण के दौरान सामने आया कि स्टोरकीपर के अवकाश पर होने के बावजूद नियमों के विरुद्ध एक अन्य कर्मचारी को चार्ज सौंप दिया गया, जो स्वयं में ही गंभीर अनियमितता है। हैरानी की बात यह है कि CMHO महोदय औषधि केंद्र से मात्र 50 मीटर की दूरी पर निवास करते हैं, फिर भी आग लगने के कई घंटों बाद ही वे मौके पर पहुंचे। इससे आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
और भी चिंताजनक तथ्य यह है कि बिना किसी प्रदेश स्तरीय एक्सपर्ट कमेटी के पहुंचने से पहले ही अनाधिकृत लोग पूरी रात औषधि स्टोर में मौजूद रहे। इससे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और मामले को दबाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
यह आग यदि पीछे स्थित ऑक्सीजन सिलेंडर स्टोर तक पहुंच जाती, तो एक भीषण और जानलेवा हादसा हो सकता था, जिसकी जिम्मेदारी तय करना मुश्किल हो जाता। सौभाग्यवश बड़ा हादसा टल गया, लेकिन प्रशासन की लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कलेक्टर महोदय इस पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कब करवाएंगे? क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर ठोस कार्यवाही होगी या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
यह भी चर्चा में है कि औषधि केंद्र में दवाइयों की खरीदी CSR फंडिंग से जुड़ी हुई है, जिससे इस पूरे प्रकरण की गंभीरता और बढ़ जाती है। ऐसे में पारदर्शिता और जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है।
उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला जी के विभाग में लगी आग अब सतपुड़ा भवन भोपाल से होते हुए राजगढ़ चिकित्सालय तक पहुंच चुकी है। यह घटना पूरे स्वास्थ्य तंत्र की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या ठोस कदम उठाता है और दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जाती है। जनता जवाब चाहती है और जवाबदेही तय होना जरूरी है।
