बाराबंकी की बेटी पूजा पाल को विज्ञान और नवाचार में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया

लखनऊ : बाराबंकी की बेटी पूजा पाल शनिवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 से सम्मानित होकर खुशी-खुशी अपने घर लौट आईं। जिला प्रशासन की टीम ने पूजा, उनके गाइड शिक्षक राजीव श्रीवास्तव और पिता पुत्तीलाल का पूरे सम्मान के साथ स्वागत किया। बाराबंकी पहुंचने पर पूजा, उनके पिता और गुरुजी के आवास पर फूल-मालाओं और गुलदस्तों के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पूजा ने बताया कि दिल्ली में जब उनका नाम मंच से पुकारा गया तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार पाना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने बैठकर उनसे बात करना उनके लिए सपनों के सच होने जैसा है।
पूजा ने यह पुरस्कार सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि माता-पिता और गुरुजी को समर्पित किया। पिता पुत्तीलाल भी भावुक नजर आए और कहा कि यह सम्मान उनके परिवार के साथ-साथ पूरे बाराबंकी जिले की पहचान बन गया है। गाइड शिक्षक राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि पूजा जनपद का गौरव हैं और उनके द्वारा निर्मित धूल रहित थ्रेशर नवाचार के साथ-साथ किसानों के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान है।बाराबंकी के सिरौली गौसपुर तहसील क्षेत्र के डलई पुरवा गांव की रहने वाली पूजा पाल को विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
पुरस्कार नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिया गया, और इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभी 20 बाल पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन किया। उच्च प्राथमिक विद्यालय अगेहरा में पढ़ते हुए पूजा ने कक्षा 8 में भूसा-धूल पृथक्करण यंत्र का निर्माण किया। गाइड शिक्षक राजीव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में वह जिला, मंडलीय और राज्य प्रतियोगिताओं से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचीं। अक्टूबर 2023 में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत के बाद जनवरी 2024 में IRIS नेशनल फेयर में प्रतिभाग करने का अवसर मिला। वर्तमान में पूजा फतेहचंद जगदीश राय इंटर कॉलेज, सफदरगंज में कक्षा 12 की छात्रा हैं। दिहाड़ी मजदूर पुत्तीलाल और रसोईया सुनीला की पुत्री पूजा की इस उपलब्धि से परिवार और पूरे जिले में खुशी का माहौल है।




