क्षेत्रीय शहरी विकास मंत्रियों की बैठक, मप्र ने रखी 9 प्रमुख मांगें

भोपाल। उत्तर और मध्य भारत के शहरी विकास मंत्रियों की क्षेत्रीय बैठक शनिवार को राज्य की राजधानी में हो रही है। इस बैठक में मध्य प्रदेश ने केंद्र के सामने अपने प्रमुख वित्तीय प्रस्ताव रखा, जिसमें चित्रकूट और अन्य धार्मिक पर्यटन शहरों के विकास के लिए विश्व बैंक से 1,600 करोड़ रुपए का लोन लेने के लिए आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) से मंज़ूरी का अनुरोध भी शामिल है।
यह बैठक केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित की जा रही है और यह कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में सुबह 11 बजे शुरू हुई। मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल इस बैठक में शामिल हो रहे हैं, साथ ही मध्य प्रदेश के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद हैं। छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री और राज्य मंत्री, साथ ही केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें भाग ले रहे हैं।
शहरी प्रशासन विभाग (UAD) के अनुसार, कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में से एक स्वच्छ सर्वेक्षण 2025-26 के लिए कार्य दिशानिर्देशों को जारी करना है।
शहरी विकास पहलों पर 5 सत्र
इनमें अमृत योजना के तहत प्रगति की समीक्षा, स्वच्छ भारत मिशन के तहत डंप साइटों और ठोस कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का कार्यान्वयन, अंगीकार अभियान का मूल्यांकन और शहरी परिवहन प्रणालियों जैसे सिटी बस सेवाओं, मेट्रो रेल परियोजनाओं और पैदल यात्री बुनियादी ढांचे पर भी चर्चा की जाएगी।
बैठक के दौरान, मध्य प्रदेश शहरी बुनियादी ढांचे और विकास से संबंधित नौ प्रमुख वित्तीय मांगें रखेगा।
- अमृत मिशन: 100% जलापूर्ति और सीवरेज कवरेज और बेहतर नगरपालिका वित्त के लिए 8,000 करोड़ रुपए की सहायता मांगी गई।
- सिंहस्थ 2028 बुनियादी ढांचा:
25,000 करोड़ रुपए से अधिक की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं, और 10,000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मंजूरी के लिए हैं। राज्य ने इस बड़े धार्मिक आयोजन की तैयारियों में सहायता के लिए 20,000 करोड़ रुपए की विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): शहरी आवास परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त सहायता का अनुरोध किया गया है।
- स्वच्छ भारत मिशन (शहरी): 50 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केंद्रीय मंजूरी की मांग की गई।
- नमामि गंगे प्रोजेक्ट्स: उज्जैन और इंदौर शहर के प्रोजेक्ट्स के लिए मंजूरी मांगी गई।
- ग्रीन एनर्जी: MPUDC द्वारा 250 MW सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए प्रस्तावित 500 करोड़ रुपए के ग्रीन बॉन्ड के बदले केंद्र से 100 करोड़ रुपए की सब्सिडी मांगी गई है।
- राज्य के लिए सॉफ्ट लोन: राज्य सरकार की शहरी योजनाओं के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए राज्य ने NHB और HUDCO जैसे वित्तीय संस्थानों से सॉफ्ट लोन का अनुरोध किया है।
- नमामि नर्मदे: 10,000 करोड़ रुपए की नदी प्रदूषण उपचार परियोजनाओं के लिए केंद्रीय तकनीकी और वित्तीय सहायता मांगी गई।
- धार्मिक शहरों के लिए WB लोन: चित्रकूट और अन्य धार्मिक पर्यटन शहरों के लिए 1,600 करोड़ रुपए के वर्ल्ड बैंक लोन के लिए DEA की मंजूरी मांगी गई।



