खुजनेर नगर में संघ का पथ संचलन सम्पन्न : मुख्य वक्ता धर्मेंद्र बघेल ने दिया उद्बोधन
राजगढ़ खुजनेर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का वार्षिक पथ संचलन खुजनेर नगर में बड़े ही अनुशासन और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। नगर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरे इस संचलन में स्वयंसेवकों की अनुशासित पंक्तियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं। संचलन के दौरान नगरवासियों ने जगह-जगह स्वागत कर पुष्पवर्षा की और स्वयंसेवकों का मनोबल बढ़ाया।
कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर खंड संचालक दिलीप नागर एवं विभाग सहकार्यवाह भगवान सिंह उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता के रूप में विभाग प्रचारक धर्मेंद्र सिंह बघेल ने स्वयंसेवकों एवं उपस्थित नागरिकों को संबोधित किया।
मुख्य वक्ता का उद्बोधन
मुख्य वक्ता धर्मेंद्र बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत भूमि प्राचीन काल से ही विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया रही है। हमारा इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है, लेकिन आत्मविस्मृति के कारण हिंदू समाज अपने पूर्वजों और अपनी परंपराओं को भूल गया, जिसका परिणाम यह हुआ कि हम पराधीनता में पहुंचे।
उन्होंने कहा कि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने गहन मंथन किया और यह निष्कर्ष निकाला कि गुलामी के पीछे तीन मुख्य कारण रहे—
1. आत्मविश्वास का अभाव
2. एकलवाद की प्रवृत्ति
3. अनुशासनहीनता
धर्मेंद्र बघेल ने उदाहरण देते हुए कहा कि “चार हिंदू एक दिशा में चलते थे तो पाँचवाँ उनके कंधे पर होता था। समाज को एकजुट करना उस समय मानो जिंदा मेंढक को तौलने जैसा कठिन कार्य था।”
पंच परिवर्तन व शताब्दी वर्ष पर प्रकाश
मुख्य वक्ता ने अपने संबोधन में संघ के पंच परिवर्तन एवं शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समाज को समरसता, कुटुंब प्रबोधन, आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ एक दिशा में आगे बढ़ना होगा।
संचलन का नगरभर में स्वागत
पथ संचलन में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक अनुशासित कदमताल करते हुए शामिल हुए। गणवेश में सुसज्जित स्वयंसेवकों ने जब नगर की सड़कों पर कदमताल किया तो वातावरण अनुशासन और राष्ट्रभक्ति से गूंज उठा। नगरवासियों ने मार्ग में पुष्पवर्षा कर तथा स्वागत द्वारों से अभिनंदन कर संघ की इस परंपरा का स्वागत किया।
एकता का संदेश
समापन में धर्मेंद्र बघेल ने समाज को एकजुट रहने का आह्वान किया और कहा कि यदि हम आत्मविश्वास, समरसता और अनुशासन को अपने जीवन का अंग बनाएंगे, तो भारत पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित होगा।