Breaking News

पहले मुझे लगता था कि दिव्यांग होने के कारण मैं दूसरों पर निर्भर रहूँगा, लेकिन शासन-प्रशासन की मदद और परिवार के सहयोग से आज मैं अपने पैरों पर खड़ा हूँ। मुझे गर्व है कि मैं अपने बच्चों और परिवार की जिम्मेदारी निभा रहा हूँ।”

जिला प्रशासन द्वारा “दिव्यांगजन स्वावलंबन सहायता योजना” अंतर्गत उन्हें 17 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की

राजगढ़

राजगढ़ जिले के विकासखण्ड सारंगपुर ग्राम पंचायत सिमरोल निवासी दिव्यांगजन जीवनसिंह पिता किशोरसिंह ने यह साबित कर दिया है कि यदि हौसले बुलंद हों तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है।

जीवनसिंह बताते हैं कि बचपन से ही वहां शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं, लेकिन उन्होंने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना। पारिवारिक परिस्थितियाँ अच्छी नहीं थीं, फिर भी उन्होंने अपने जीवन में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। जिला प्रशासन द्वारा “दिव्यांगजन स्वावलंबन सहायता योजना” अंतर्गत उन्हें 17 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई।

उन्हें यह आर्थिक सहायता राशि मिलने से उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। उन्होंने इस राशि से अपने गाँव में एक किराना दुकान प्रारंभ की। आरंभ में यह कदम छोटा अवश्य था, किंतु आज उनकी दुकान उनकी आजीविका का प्रमुख साधन बन चुकी है। धीरे-धीरे ग्राहकों का विश्वास और उनकी मेहनत से दुकान का विस्तार हुआ। अब वे न केवल अपना खर्च स्वयं उठा रहे हैं बल्कि अपने परिवार का भरण-पोषण भी गरिमा और आत्मसम्मान के साथ कर रहे हैं।

जीवनसिंह कहते हैं कि “पहले मुझे लगता था कि दिव्यांग होने के कारण मैं दूसरों पर निर्भर रहूँगा, लेकिन शासन-प्रशासन की मदद और परिवार के सहयोग से आज मैं अपने पैरों पर खड़ा हूँ। मुझे गर्व है कि मैं अपने बच्चों और परिवार की जिम्मेदारी निभा रहा हूँ।”

उनकी यह सफलता पूरे जिले के दिव्यांगजनों के लिए एक मिसाल है। यदि अवसर और सहयोग मिले तो दिव्यांगजन भी समाज की मुख्यधारा में आकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। जिला प्रशासन भी यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि ऐसे पात्र लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ समय पर पहुँचे, ताकि वे आत्मसम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकें।

Related Articles

Back to top button