सारंगपुर में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर 151 श्रीलड्डू गोपाल जी की भव्य प्रतिष्ठा* *राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री टेटवाल बोले श्री कृष्ण जी का जीवन मानवता के लिए प्रेरणा
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*राजगढ़
योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश का प्रतीक है। उनका चरित्र संपूर्ण मानवता के लिए अनुपम प्रेरणा बनकर युगों-युगों तक मार्गदर्शन करता है। इसी आस्था, श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम सारंगपुर में जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर देखने को मिला। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौशल विकास एवं रोजगार विभाग गौतम टेंटवाल ने सपरिवार 151 श्रीलड्डू गोपाल जी की विधिवत पूजन-अर्चन, आरती एवं भव्य प्रतिष्ठा सम्पन्न की।
इस ऐतिहासिक आयोजन की विशेषता रही कि प्रत्येक श्रद्धालु को भगवान श्रीलड्डू गोपाल जी की प्रतिमा भेंट स्वरूप दी गई, ताकि हर घर में पूजन-अर्चन की परंपरा स्थापित हो और गृहस्थ जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली का संचार हो। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री टेंटवाल ने महिलाओं और पुरुषों को प्रेरित किया कि वे अपने-अपने गृहस्थ पूजन स्थान पर श्री लड्डू गोपाल की प्रतिष्ठा कर नित्य पूजन करें, जिससे समाज में भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिक वातावरण का विस्तार हो। जन्माष्टमी महोत्सव में उमड़े श्रद्धालुजन ने जयकारों और भक्ति गीतों से वातावरण को कृष्णमय बना दिया। पूरा नगर भगवान श्रीकृष्ण जी की भक्ति और उल्लास में डूबा रहा।
इस पावन अवसर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण जी की पूजा-अर्चना से जीवन धन्य हो जाता है। उनके आशीर्वाद से परिवार और समाज में शांति व समृद्धि आती है। गीता का उपदेश ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ हमें यही सिखाता है कि हम अपने कर्म पर ध्यान दें, फल की चिंता न करें। यदि जीवन इसी मार्ग पर जिया जाए तो निश्चित ही कृष्ण की बांसुरी की मधुर तान की तरह प्रेम, शांति, आनंद और समृद्धि हमारे जीवन में सदा बनी रहे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे भगवान श्रीकृष्ण जी की भक्ति में लीन होकर जीवन को सकारात्मक दिशा दें और अपने परिवार, समाज तथा देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए निरंतर प्रार्थना करते रहें।
भक्ति और उल्लास से सराबोर जन्माष्टमी का यह भव्य उत्सव सारंगपुर की आध्यात्मिक धरोहर में एक स्वर्णिम अध्याय बन गया।