एनसीईआरटी संस्थान में चंदू साहू ने दी धान शिल्प कला की प्रशिक्षण कार्यशाला


रायपुर (छत्तीसगढ़)।
एनसीईआरटी क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल में 15 से 19 दिसंबर तक “शिक्षा में कला : संरक्षण एवं संवर्धन” विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य पारंपरिक लोककलाओं और हस्तशिल्प को शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़ना था।
कार्यशाला में छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के खिलौना एवं हस्तकला कलाकारों ने भाग लिया। छत्तीसगढ़ के दुर्ग, नारायणपुर, खैरागढ़, मानपुर-मोहला और महासमुंद अंचल से आए कलाकारों ने अपनी-अपनी पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया।
इस दौरान दुर्ग जिले के ग्राम बोरई निवासी एवं खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के लोकसंगीत विभाग के पूर्व विद्यार्थी चंदू साहू ने धान से निर्मित आभूषण, खिलौने और सजावटी शोपीस की बारीक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने संस्थान के विद्यार्थियों को धान शिल्प कला की सूक्ष्मताओं से अवगत कराया, जिसे बच्चों ने उत्साहपूर्वक सीखा।
कार्यशाला में लगी कला प्रदर्शनी का अवलोकन एनसीईआरटी संस्थान के अधिकारियों सहित जनजातीय संग्रहालय, भोपाल के निदेशक एवं अन्य अधिकारीगणों ने किया और कलाकारों के कार्यों की सराहना की।
कार्यशाला के सफल संचालन में डॉ. मकवाना ने समन्वयक की भूमिका निभाई। वहीं संसाधन व्यक्तियों के रूप में डॉ. मोनिका सिंह, स्वाति अर्णव, रामकुमार वर्मा एवं द्रोण साहू ने सहभागिता की।
उल्लेखनीय है कि चंदू साहू की धान शिल्प कला को छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी विशेष पहचान प्राप्त है। यह कार्यशाला पारंपरिक कला को नई पीढ़ी तक पहुँचाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास साबित हुई।



