जिले में तिलहन मिशन के तहत उत्पादन बढ़ाने हेतु सरसों-सूरजमुखी-अलसी की खेती पर जोर
तहत 2024-25 से 2030-31 तक तिलहन और पाम ऑयल दोनों क्षेत्रों को कवर किया जाएगा, जिसमें तिलहन उत्पादन को 39 मिलियन टन से बढ़ाकर 69.7 मिलियन टन और पाम ऑयल उत्पादन को 2025-26 तक 11.20 लाख टन तक पहुँचाने का लक्ष्य है।

अर्जुनी। राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। जिसका लक्ष्य तिलहन की खेती को बढ़ावा देकर खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है ताकि आयात पर निर्भरता कम हो और किसानों की आय बढ़े। इसके तहत 2024-25 से 2030-31 तक तिलहन और पाम ऑयल दोनों क्षेत्रों को कवर किया जाएगा, जिसमें तिलहन उत्पादन को 39 मिलियन टन से बढ़ाकर 69.7 मिलियन टन और पाम ऑयल उत्पादन को 2025-26 तक 11.20 लाख टन तक पहुँचाने का लक्ष्य है, जिसमें मूंगफली, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी और पॉम जैसे तिलहन शामिल हैं।
उप संचालक कृषि दीपक नायक ने बताया कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में योजना अंतर्गत सरसों 800 हेक्टेयर, अलसी 40 हेक्टेयर एवं सूरजमुखी 60 हेक्टेयर की फसलों को बढ़ावा देने हेतु कुल 900 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रदर्शन आयोजित की गई है। साथ ही जिले में कार्यरत कृषक उत्पादन संगठन- किसान कल्याण उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित बलौदाबाजार को व्हीसीपी के रूप में चयनित कर बीज वितरण एवं कृषक प्रशिक्षण का कार्य तकनीकी एजेंसी कृषि विज्ञान केन्द्र, भाटापारा के माध्यम से किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को मिट्टी परीक्षण से लेकर फसल उत्पादन की उचित सलाह एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। विभागीय मैदानी अधिकारियों द्वारा भारत सरकार की पोर्टल कृषि मैपर के माध्यम से किसानों की जानकारी संधारित की जा रही है तथा किसानों को डिजिटल क्राप सर्वे एवं फसल गिरदावरी में अनिवार्य रूप से फसलों की प्रविष्टि कराये जाने हेतु जानकारी प्रदान की जा रही है।
योजना का प्रमुख उद्देश्य खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, जो वर्तमान में लगभग 57 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। इसके साथ तिलहन और पाम ऑयल दोनों के उत्पादन और उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि करना। तिलहन उत्पादन करने वाले किसानों की आय में सुधार करना तथा आयात में कमी कर आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता कम करके विदेशी मुद्रा बचाना।



