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डबरी बनी आजीविका की स्थायी साधन,आर्थिक सशक्तिकरण को मिला मजबूत आधार

बलौदाबाजार।महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत आजीविका डवरी निर्माण से न केवल जल संरक्षण एवं जल संवर्धन को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि किसानों को सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध हो रही है। डबरी निर्माण के बाद नियमित आय प्राप्त कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे है जिससे डबरी आजीविका की स्थायी साधन बन गई है।

विकासखण्ड पलारी अंतर्गत ग्राम पंचायत खरतोरा निवासी पुनित राम पिता हिरमत ने अपनी कृषि भूमि में आजीविका डबरी का निर्माण कर लगभग 40 हजार रूपये की अतिरिक्त वार्षिक आमदनी अर्जित की है। पुनित राम को ग्राम पंचायत की बैठक में जानकारी मिली कि महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत छोटे किसानों की निजी भूमि पर आजीविका डबरी का निर्माण किया जाता है। योजना की जानकारी मिलने पर उन्होंने अपनी 3 एकड़ कृषि भूमि में डबरी निर्माण का निर्णय लिया और ग्राम पंचायत में आवेदन प्रस्तुत किया।तत्पश्चात उनके खेत में 1 लाख 83 हजार रूपये की लागत से डबरी स्वीकृत हुई और कार्य शीघ्र प्रारंभ किया गया। डबरी निर्माण कार्य के दौरान 35 जाब कार्डधारी परिवारों के 167 श्रमिकों को रोजगार मिला जिससे कुल 894 मानव दिवस का सृजन हुआ।

डबरी बनी आय का मजबूत आधार -डबरी निर्माण के पश्चात पुनित राम ने धान की फसल के बाद उद्यानिकी फसलों के रूप में मूली,लालभाजी एवं मिर्च की खेती की। इससे उन्हें लगभग 20 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त हुई। साथ ही उन्होंने डबरी में मछली पालन के लिए मछली बीज का संचयन किया जिससे मछली पालन से भी लगभग 25 हजार रूपये की अतिरिक्त आय हुई।आजीविका डवरी ने पुनित राम के लिए आय का स्थायी एवं मजबूत आधार तैयार किया है। उनकी यह सफलता क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से अपनी आजीविका सुदृढ कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

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