कृषि विज्ञान केन्द्र राजगढ़ द्वारा भगवान बिरसामुण्डा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा का आयोजन

राजगढ़
रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र राजगढ़ द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से प्राप्त निर्देषानुसार विगत 15 दिवसीय भगवान बिरसा मुण्डा की 150 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा 2025 (01 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025) का जिले के विभिन्न गांव विकासखण्ड, विद्यालयो, संस्थान के माध्यम से जूनापानी, उंचाखेडा, परसपुरा, गादिया, राजगढ़, ब्यावरा, पचोर में धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाया गया। इसके अंतर्गत जनजातियों के सामाजिक उत्थान, शिक्षा, जीवनस्तर सुधार के लिए उद्यमिता विकास, उनके स्वास्थ्य एवं स्वच्छता उन्नयन, ग्रामीण स्तर पर अधोसंरचना विकास केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओ की जानकारी, स्थायी विकास समूह गठन के माध्यम से जनजातीय किसानों को कृषि उत्पादों के बाजारीकरण, मूल्य संवर्धन एवं फसलों की देसी प्रजातियों के बीजोत्पादन के द्वारा बीज संरक्षण इत्यादि विषयों पर विस्तृत रूप से केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस.के. कौशिक के साथ विभिन्न वैज्ञानिकों डॉ. रूपेन्द्र खाण्डवे (प्रधान वैज्ञानिक, पादप कार्यिकी), डॉ. लाल सिंह (वैज्ञानिक उद्यानिकी), डॉ. ए.के.मिश्रा (वैज्ञानिक पौध प्रजनन एवं आनुवांषिकी) एवं श्रीमति गजाला खान (वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी-सूचना प्रसार) द्वारा सक्रिय रूप से जागरूकता प्रसारित की गई। इस महत्वपूर्ण जयंती की परिणिती हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संस्थागत/असंस्थागत प्रषिक्षण, प्राकृतिक खेती के उत्पाद बनाने की विधियॉ, उद्यानिकी सब्जी/फलों का उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक, पषुपालन को लाभकारी बनाने हेतु स्वयं का गुणवत्तायुक्त वर्षभर हरा चारा उत्पादन/संतुलित आहार तकनीक, स्वरोजगार हेतु महिला स्वयं सहायता समूह गठन से मिलने वाले महिला उन्नयन लाभ की विस्तृत जानकारी दी गई।
इसके साथ ही स्वच्छता जागरूकता के अंतर्गत स्वच्छता शपथ ग्रहण, ग्रामीण स्वच्छता एवं वृक्षारोपण का कार्य केन्द्र द्वारा करवाये गये। कृषि विकास में सहायक कृषक हितैषी अद्यतन मोबाईल एप की जानकारी दी। इसके साथ ही प्रषिक्षणार्थियो की आय बढ़ाने हेतु सब्जी/फलदार पौधो का निःषुल्क वितरण भी किया गया। केन्द्र की ओर से इस कार्यक्रम का नोडल डॉ. लाल सिंह, वैज्ञानिक (उद्यानिकी) द्वारा सफल क्रियान्वयन किया गया। इस प्रकार से केन्द्र द्वारा संचालित इस कार्यक्रम अंतर्गत विशेष तौर पर अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ अन्य प्रषिक्षणार्थियो सहित कुल 612 कृषको/ कृषक महिला एवं बच्चो ने भाग लिया। इस आयोजन को सफल बनाने में विभिन्न संस्थाओ के अधिकारी/कर्मचारीगण, अध्यापकगण एवं कृषि महाविद्यालय सीहोर के रावे छात्रो का सराहनीय सहयोग रहा।


