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*नारी ही नारायणी है — भैंसवा माताजी मंदिर में आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के तहत जिला स्तरीय महिला सम्मेलन संपन्न

राजगढ़
शुक्रवार को भैंसवा माताजी मंदिर परिसर स्थित सत्संग हॉल में आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय महिला सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) कौशल विकास एवं रोजगार श्री गौतम टेटवाल उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास विभाग श्री नारायण सिंह पंवार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ बिजासन देवी की आरती, पूजन-अर्चना एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री टेटवाल ने कहा कि नारी में देवताओं का वास होता है, नारी ही नारायणी है, इसीलिए वह पूजनीय है। नारी ही वह शक्ति है जो अपने आत्मबल से परिवार को एकजुट रखती है और आत्मनिर्भर बनाती है। उन्‍होंने कहा कि “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को तभी साकार किया जा सकता है, जब हमारी मातृशक्ति स्वदेशी को अपनाए और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हो। मध्यप्रदेश सरकार की विभिन्न महिला कल्याणकारी योजनाओं जैसे लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, मुख्यमंत्री मातृ-शिशु स्वास्थ्य योजना, कन्या विवाह योजना तथा महिला स्व-सहायता समूह मिशन की जानकारी देते हुए महिलाओं से आव्हान किया कि वे इन योजनाओं का लाभ लेकर अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित स्वदेशी उत्पादों का उपयोग हर परिवार में शुरू होना चाहिए, ताकि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिले और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो।”
राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पंवार ने कहा कि सतयुग से कलियुग तक की प्रेरणादायक नारियों माता शतरूपा, सीता, अनसूया, द्रौपदी, अहिल्याबाई होलकर, रानी लक्ष्मीबाई, सावित्रीबाई फुले, सरोजिनी नायडू जैसी महान विभूतियों के योगदान का उल्लेख किया गया। उन्‍होंने कहा कि भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, बल्कि एक जीवंत राष्ट्रपुरुष है। इसकी मिट्टी, नदियाँ, पर्वत और संस्कृति हमारी पहचान हैं। यही भारत की आत्मा है संस्कृति, परंपरा और विचारधारा का संगम है। आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा तभी साकार होगी, जब मातृशक्ति आत्मनिर्भर बनेगी।” उन्होंने कहा कि आज भारत की बेटियाँ रक्षा, विज्ञान, प्रशासन, खेल और उद्यमिता हर क्षेत्र में नया इतिहास रच रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का लक्ष्य है कि 2034 तक भारत पूर्णतः आत्मनिर्भर राष्ट्र बने, और इसमें महिला शक्ति की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। महिला सम्मेलन में वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति में नारी के स्थान पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने कहा यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:” अर्थात जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहीं देवता निवास करते हैं।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) टेटवाल ने महिलाओं को सम्मानित किया और मातृशक्ति से यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि हर बेटी शिक्षित बने, हर माँ स्वस्थ रहे, हर बहन आत्मनिर्भर बने और हर नारी को समान सम्मान मिले।” कार्यक्रम का संचालन आकर्षक शैली में किया गया और बड़ी संख्या में उपस्थित मातृशक्ति ने “नारी ही नारायणी है — आत्मनिर्भर भारत, सशक्त नारी” के नारे के साथ उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई।

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