हिरेंद्र सिन्हा को “डा. भंवर सिंह पोर्ते सम्मान” देने पर सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग का विरोध केवल गायन नहीं हो पैमाना।
रूपेश नागवंशी बोले : सम्मान समाजसेवा आधारित हो,
बलौदाबाजार-भाटापारा | राज्य सरकार द्वारा गायक हिरेंद्र सिन्हा को राज्य अलंकार “डा. भंवर सिंह पोर्ते सम्मान” से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग ने आपत्ति जताई है। संगठन के प्रदेश मीडिया सचिव रूपेश नागवंशी ने कहा कि यह सम्मान केवल “आदिवासी गीत गाने” के आधार पर नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि समाजसेवा और जनहित कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
नागवंशी ने कहा कि प्रदेश में ऐसे अनेक युवा हैं जो शिक्षा, जनजागरूकता, पर्यावरण और सामाजिक विकास के क्षेत्र में निरंतर योगदान दे रहे हैं। ऐसे युवाओं को राज्य सम्मान का वास्तविक हकदार माना जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि यदि सम्मान देने का आधार केवल गीत गाना है, तो समाज में कई ऐसे युवा कलाकार हैं जो सामाजिक चेतना और जनजागृति पर आधारित गीतों के माध्यम से समाज में बदलाव ला रहे हैं। सरकार को ऐसे प्रतिभाओं को भी समान अवसर और मान्यता देनी चाहिए।
संगठन ने मांग की है कि राज्य सरकार सम्मान चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और समाजसेवा केंद्रित बनाए, ताकि समाज में वास्तविक रूप से योगदान देने वाले लोगों को उचित पहचान मिल सके।
रूपेश नागवंशी ने कहा, डा. भंवर सिंह पोर्ते का नाम शिक्षा, सामाजिक न्याय और आदिवासी उत्थान का प्रतीक है। ऐसे में इस नाम से दिया जाने वाला सम्मान उन लोगों को मिलना चाहिए जो उनके आदर्शों पर चलकर समाज में परिवर्तन ला रहे हैं।



