रिश्तों में घुली मिठास, नेशनल लोक अदालत का विशेष प्रयास
राजगढ़
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा तैयार वार्षिक कैलेण्डर एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर की कार्ययोजना अनुसार तथा प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री राजीव म. आपटे के मार्गदर्शन में वर्ष 2025 की तीसरी नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला एवं तहसील न्यायालय स्तर पर भी किया गया। जिला न्यायालय स्तर पर 08 तहसील न्यायालय स्तर पर ब्यावरा 07, नरसिंहगढ़ 05, सारंगपुर 04, खिलचीपुर एवं जीरापुर 02-02 तथा उपभोक्ता फोरम 01, पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र हेतु 01 इस प्रकार कुल 30 खंडपीठों का गठन किया गया।
लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय परिसर स्थित ए.डी.आर. सेंटर भवन के सभागार में किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में प्रधान जिला न्यायाधीश श्री राजीव म. आपटे, विशेष अतिथि के रूप से कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायालय राजगढ़ के प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, विशेष न्यायाधीश सहित अन्य जिला एवं व्यवहार न्यायाधीश उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला न्यायालय राजगढ़ के समस्त अधिकारी व कर्मचारी, शासकीय अधिवक्ता, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ सह समस्त वरिष्ठ अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसेल, अभियोजन अधिकारी, विद्युत विभाग, नगर पालिका, बी.एस.एन.एल. आदि विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भी सहभागिता की गई।
नेशनल लोक अदालत कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य व विशेष अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा उपस्थित समस्त सदस्यों से वर्ष की तीसरी लोक अदालत से पूर्व से भी बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिये अपील की गई।कुल 30 खंडपीठों के समक्ष रखे जाने वाले मामलों व न्यायालय में लंबित आपराधिक राजीनामा योग्य मामले 21066, धारा 138- 2368, बैंक ऋण वसूली- 191, मोटर दुर्घटना दावा- 429, विद्युत के- 1460, वैवाहिक – 2637, भू-अर्जन-77, अन्य विविध- 2522 इस प्रकार कुल 30936 मामले रखे गए।
न्यायालय में प्रस्तुत होने से पूर्व की प्रकृति के मामले बैंक ऋण वसूली के 2279, बीएसएन एल-39, संपत्तिकर 100, जल कर 100 के कुल 2354 मामले
रहे।
सफलता की विशेष कहानी
यूं तो समय अंतराल में नेशनल लोक अदालतों का आयोजन प्रायः होता ही रहता है, किन्तु इस नेशनल लोक अदालत में प्राचीन सूचीबद्ध मामलों का निराकरण किया गया। न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती नीलिमा देव दत्त द्वारा उनके न्यायालय में प्राचीन मामलों के रूप में सूचीबद्ध मामलें में दोनों पक्षों के पक्षकारों के मध्य सुलह वार्ता कराई जाकर राजीनामा कराया गया। दोनों ही पक्ष भिन्न-भिन्न गांवों के निवासी थे, जिनके मध्य लड़ाई झगड़ा व मारपीट का विवाद चल रहा था, प्रकरण में पुलिस द्वारा दोनों ही पक्षों की ओर रिपोर्ट लिखी गई थी। पीठासीन अधिकारी द्वारा किये गये प्रयास से दोनों पक्षों के मध्य राजीनामा होने के उपरांत एक- दूसरे के गले में मालायें पहनाई गई व गले मिलाया गया।
एक अन्य मामला जोकि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री स्वातिभार्गव के न्यायालय से संबंधित था। जिसमें कि एक ही परिवार के रिश्तेदारों में अधिक लंबी अवधि का मामला न्यायालय में लंबित था। जिसमें कि पीठासीन अधिकारी द्वारा दोनों पक्षों को समझाया गया व सुलह कराई गई, दोनों पक्षों को माला पहनाकर व पौधा भेंटकर विदा किया गया। दोनों प्रकार के कुल 33,290 मामले राजीनामा व समझौते के माध्यम से निराकरण कराये जाने हेतु रखे गये हैं।