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दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ दुग्ध-उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग जरूरी

राजगढ़
दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ दुग्ध उत्पादों की बेहतर ब्राडिंग, गोवंश की समुचित देखभाल, वेटनरी क्षेत्र में आवश्यक प्रशिक्षण और उन्नत अधोसंरचना स्थापित करने में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता का हरसंभव लाभ लिया जाए। वर्ष 2030 तक हर गांव तक डेयरी नैटवर्क का विस्तार सुनिश्चित किया जाना है। बढ़े हुए दुग्ध संकलन का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए आधुनिकतम दुग्ध प्रसंस्करण अवसंरचना विकसित की जाए। प्रदेश में निर्मित होने वाले दुग्ध उत्पादों की राष्ट्रीय स्तर पर ब्राडिंग सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और प्रदेश के दुग्ध संघों की गतिविधियों के संबंध में बैठक को संबोधित कर रहे थे।अ
सभी विश्वविद्यालयों में वैटनरी के कोर्स किए जाएं संचालित
वैटनरी कॉउंसिल ऑफ इंडिया के सहयोग से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में वैटनरी के कोर्स संचालित किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नगरीय‍निकायों की बड़ी गो-शालाओं के उन्नयन और प्रबंधन में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से सहयोग लेने की आवश्यकता भी बताई। दुग्ध संघों में एक समान उत्पाद निर्माण सुनिश्चित करने के लिए स्टेण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर अपनाना आवश्यक है। दुग्ध उत्पादकों को दुध-मूल्य के नियमित और समय पर भुगतान की व्यवस्था की नियमित मॉनीटरिंग हो। जिन क्षेत्रों में दुग्ध संघ की पहुंच सीमित है, वहां निजी दुग्ध व्यवसायियों को अद्यतन तकनीक का आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर दुग्ध व्यवसाय को प्रोत्साहित और सशक्त किया जाए। प्रदेश के दुग्ध संघ, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और मध्यप्रदेश कृषि उद्योग निगम में बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो।

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