ठगों ने पुलिस बनकर पूर्व मंत्री को 6 घंटे तक रखा डिजिटली अरेस्ट

भोपाल। मध्य प्रदेश के एक पूर्व मंत्री को मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर साइबर जालसाजों ने लगभग ठग लिया। जालसाजों ने पूर्व मंत्री पर मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में शामिल होने का आरोप लगाकर और कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर डिजिटली गिरफ्तार कर लिया।
साइबर ठगों ने बुधवार को मंत्री को फोन किया और झूठा दावा किया कि उनकी आईडी का इस्तेमाल करके कई सिम कार्ड जारी किए गए हैं और उनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। उन्हें और डराने के लिए उन्होंने उन्हें ‘सुप्रीम कोर्ट के जज और केंद्रीय एजेंसियों ईडी और सीबीआई’ के नाम से जाली नोटिस भेजे।
गिरफ्तारी और अपनी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने के डर से पूर्व मंत्री घबरा गए और छह घंटे से ज़्यादा समय तक डिजिटली गिरफ्तार रहे। यहां तक कि उन्होंने धोखेबाजों के निर्देशों का पालन भी किया। पूर्व मंत्री को डिजिटल गिरफ्तारी से तब रिहा किया गया, जब उन्होंने क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर आए लोगों के दावों की पुष्टि के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को फोन किया।
वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें आश्वस्त किया कि यह एक धोखाधड़ी वाली कॉल है और उन्हें तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट करने के लिए कहा, जिससे उन्हें साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाया जा सके। हालांकि, पूर्व मंत्री ने कथित तौर पर अपनी प्रतिष्ठा को लेकर चिंता के कारण पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अगर वह इस संबंध में शिकायत लेकर आते हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।