व्यापार

बजाज हाउसिंग IPO में गड़बड़ी, LIC और टाटा टेक्नोलॉजीस के IPO से जुड़े मुद्दे का खुलासा

बजाज हाउसिंग फाइनेंस का शेयर लिस्ट होने के साथ ही निवेशकों के लिए मल्टीबैगर बन गया. IPO में जिन लोगों को शेयर अलॉट हुआ उन्हें लिस्टिंग के साथ 134 प्रतिशत का प्रीमियम मिला है. जबकि बहुत से लोगों को कई लॉट की बिडिंग करने के बावजूद शेयर अलॉट नहीं हुआ है. अब इसकी वजह सामने आई है कि आखिर उन्हें शेयर अलॉट क्यों नहीं हुआ? किस वजह से निवेशकों के हाथ से ये सुनहरा मौका निकल गया? इस गड़बड़ी का कनेक्शन LIC और टाटा टेक्नोलॉजीस के IPO से भी है. असल में बजाज हाउसिंग फाइनेंस के IPO में करीब 14.60 लाख बिडिंग एप्लीकेशन कैंसिल हो गई. ये तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ, जिसके चलते उनके हाथ से IPO में सस्ते भाव पर शेयर पाने का मौका चला गया.

LIC के बाद सबसे बड़ी गड़बड़ी
एक खबर के मुताबिक बजाज हाउसिंग फाइनेंस के IPO में कुल बिड्स में से 16 प्रतिशत बिड्स तकनीकी गड़बड़ी की वजह से पूरी नहीं हो सकीं और उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. इससे पहले LIC के IPO के वक्त इतनी बड़ी संख्या में बिड्स डिस्क्वालिफाई हुईं थीं. LIC के IPO के वक्त करीब 20.62 लाख बिड्स एप्लीकेशन खारिज हो गईं थीं.

टाटा टेक्नोलॉजीस IPO में बड़ी गड़बड़ी
देश में इससे पहले टाटा टेक्नोलॉजीस के IPO भी काफी अच्छा सब्सक्रिप्शन मिला था. उसका शेयर भी 140 प्रतिशत से अधिक के प्रीमियम पर लिस्ट हुआ था. लेकिन तब भी करीब 6 लाख (5.98 लाख बिड्स एप्लीकेशन) डिस्क्वालिफाई हो गईं थी. इस तरह इन निवेशकों के हाथ से भी शेयर मिलने का मौका चला गया.

आखिर कौन-सी गड़बड़ी का करना पड़ा सामना?
बिडिंग डिस्क्वालिफाई होने पर बैंक और मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सबसे ज्यादा डिस्क्वालिफिकेशन ऑपरेशनल गड़बड़ी को लेकर हुए हैं. इसमें बड़ा नंबर UPI प्रोसेस का पूरा नहीं होने का है. UPS सिस्टम में खराबी की भी कई रिपोर्ट आई हैं. इससे पहले भी देश में कई और IPO के दौरान लाखों बिड्स डिस्क्वालिफाई हुई हैं. रिलायंस पावर के IPO में ये संख्या 1.59 लाख, डॉम्स इंडस्ट्रीज के IPO में 3.51 लाख, आईनॉक्स इंडिया के IPO में 4.14 लाख, प्रीमियर एनर्जीस के आईपीओ में 1.97 लाख, मोतीसंस ज्वैलर्स के आईपीओ में 9.60 लाख और ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेस के IPO में ये संख्या 4.94 लाख थी.

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp