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कटिहार के ‘मैंगो मैन’ कालीदास बनर्जी ने चितरंजन आम किया विकसित

कटिहार : कटिहार जिले के कोढ़ा प्रखंड के रौतारा निवासी अनुभवी बागवान कालीदास बनर्जी, जिन्हें ‘मैंगो मैन’ के नाम से जाना जाता है, आम की नई प्रजातियों की खोज और उन्नत बागवानी के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपनी हाईटेक पौधशाला में ‘चितरंजन’ नामक आम की प्रजाति विकसित की, जो भारत सरकार से संरक्षित है और दूर-दूर तक ख्यातिप्राप्त है।

कालीदास बनर्जी का उद्यान किसानों के लिए प्रशिक्षण स्थल की तरह है, जहां वे पौधशाला के कलम बांधने की विधियाँ, कीट नियंत्रण के लिए रसायन और उपकरणों का प्रयोग सिखाते हैं। बनर्जी दंपति, जिनकी कोई संतान नहीं है, पेड़-पौधों से गहरा स्नेह रखते हैं। उनके उद्यान कार्यों के लिए उन्हें देश के विभिन्न राज्यों की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से प्रमाणपत्र और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है।

1985 से बागवानी में सक्रिय कालीदास बनर्जी ने चितरंजन आम को भेनियर ग्राफटिंग और मुंबई कलमी के क्रॉस से विकसित किया। इस आम की विशेषताएँ अद्वितीय हैं: फल की लंबाई लगभग 6 इंच और गोलाई 3 इंच, पत्ते रूखे, तेज आंधी में भी फल नहीं गिरते, गुठली पतली और गूदा रेशा विहीन। आम जून-जुलाई में तैयार होता है।

चितरंजन आम अब कटिहार ही नहीं, बल्कि नेपाल, पश्चिम बंगाल और आसपास के जिलों में भी खरीदारों के बीच लोकप्रिय है। कालीदास बनर्जी की हाईटेक पौधशाला में 20 से 25 पौधों की जामत बागान की शोभा बढ़ा रही है और किसानों के लिए बागवानी के नए आयाम प्रस्तुत कर रही है।

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