संघर्ष से सफलता तक… गांव में सड़क नहीं, पर सपनों को मिली मंज़िल
20 घरों की बस्ती की बेटी ने बढ़ाया राजगढ़ का गौरव- हिम्मतगढ़ की डॉ. चंचल दांगी को गांधी मेडिकल कॉलेज में मिली एमबीबीएस की उपाधि-

राजगढ़ जिले के जीरापुर ब्लॉक के दूरस्थ गांव हिम्मतगढ़ की बेटी डॉ. चंचल दांगी ने प्रदेश और जिले का नाम रोशन किया है। महज 20 घरों की बस्ती वाले इस छोटे से गांव से निकलकर चंचल ने वह उपलब्धि हासिल की है जिसके लिए बड़े शहरों के छात्र भी वर्षों तक संघर्ष करते हैं। मंगलवार को भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में आयोजित बैच 2019 के दीक्षांत समारोह में उन्हें एमबीबीएस की डिग्री प्रदान की गई।
हिम्मतगढ़ आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांवों में से है यहाँ पक्की सड़क नहीं, परिवहन साधन सीमित हैं और बच्चों को पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे माहौल में एक ग्रामीण बेटी का मेडिकल शिक्षा तक पहुँचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। यही कारण है कि चंचल की सफलता पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक बन गई है।
चंचल दांगी, हिम्मतगढ़ निवासी प्रधान आरक्षक रायसिंह दांगी की पुत्री और गृहणी मां की बेटी हैं। 9वीं कक्षा में जब पिता ने उनके लक्ष्य के बारे में पूछा तो चंचल ने स्पष्ट कहा- डॉक्टर बनकर अपने जैसे गांवों की सेवा करना है। यही संकल्प आगे उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा बना।
पहले प्रयास में चंचल का चयन एक निजी मेडिकल कॉलेज में हुआ था, लेकिन फीस अधिक होने के कारण प्रवेश नहीं ले सकीं। इसके बाद उन्होंने एक वर्ष और मेहनत की और अगले प्रयास में मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में प्रवेश प्राप्त कर लिया। यहीं से उन्होंने अपनी एमबीबीएस शिक्षा पूरी की और दीक्षांत समारोह में सम्मानित हुईं।
चंचल का सफर आसान नहीं था। गांव में आज भी पक्के मार्ग का अभाव है और बरसात में गांव तक पहुँचना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। पढ़ाई और कोचिंग के लिए रोजाना कठिन यात्रा करनी पड़ती थी। बावजूद इसके, उन्होंने निरंतर परिश्रम और आत्मअनुशासन से यह सफलता हासिल की।
चंचल के छोटे भाई हरिनारायण दांगी भी भोपाल में मेडिकल पढ़ रहे हैं, जिससे गांव के युवाओं में शिक्षा के प्रति नई प्रेरणा मिली है।
वर्तमान में डॉ. चंचल दांगी जीरापुर सिविल अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में पदस्थ हैं। वह अपने गांव और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समर्पित हैं।

