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भगदड़ में दो की मौत, पूर्व मंत्री ने प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष वितरण की निंदा की 

kubeswar dham

भोपाल। भाजपा की पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले ने मध्य प्रदेश के सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा किए गए ‘रुद्राक्ष वितरण’ की कड़ी निंदा की। पूर्व मंत्री महदेले ने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “कथा वाचक प्रदीप मिश्रा जी। क्यों इतने हादसे करवा रहे हो भाई। लोगों को धर्म के प्रति उन्मादी मत बनाओ। धर्म से लोगों का ज्ञान बढ़ाओ… कथावाचक प्रदीप मिश्रा जी, आप इतनी दुर्घटनाएं क्यों करवा रहे हैं? लोगों को धार्मिक कट्टरपंथी न बनाएं। लोगों का ज्ञान बढ़ाने के लिए धर्म का उपयोग करें।”

उन्होंने आगे सवाल किया, “तुम्हारे रुद्राक्ष बांटने से पुण्य मिल रहा है या हत्याएं हो रही हैं, हादसे हो रहे हैं। बंद करो ये रुद्राक्ष बांटना!…क्या तुम्हारे रुद्राक्ष बांटने से तुम्हें पुण्य मिल रहा है या मौतें और दुर्घटनाएं हो रही हैं? ये रुद्राक्ष बांटना बंद करो!”

उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “सरकार को सीहोर में रुद्राक्ष वितरण पर रोक लगानी चाहिए, ऐसी दुर्घटनाओं को रोकना चाहिए और प्रदीप मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।”

गुस्साए लोग, कार्रवाई की मांग

सिर्फ़ राजनेता ही नहीं, नागरिक भी धार्मिक जुलूस के दौरान श्रद्धालुओं की हुई मौतों, दुर्घटनाओं और चोटों, साथ ही लंबे और परेशान करने वाले ट्रैफ़िक जाम से नाराज़ हैं। हादसों की आलोचना करते हुए नागरिकों और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने प्रदीप मिश्रा के खिलाफ़ एफ़आईआर और सीहोर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग की। इस साल मामला और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि 2024 और 2023 में भी कुबेश्वर धाम में भगदड़ और मौतें हुई थीं।

2025 में मौतें

गौरतलब है कि इस साल तीन दिनों में सात मौतें हो चुकी हैं। मंगलवार को धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई। अगले दिन (बुधवार) तीन और श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण मृत्यु हो गई। गुरुवार को दो और श्रद्धालुओं की हृदयाघात से मृत्यु हो गई।

पिछले वर्षों में हुई मौतें

पिछले दो वर्षों में कुबेश्वर धाम की कांवड़ यात्रा के दौरान लगभग पांच मौतें हुई हैं, और कई श्रद्धालु घायल हुए हैं। पिछले वर्ष इंदौर-भोपाल राजमार्ग की भी यही स्थिति थी। अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई! हालांकि, कथावाचक और सीहोर प्रशासन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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