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SC: पैरामेडिकल में प्रवेश का रास्ता साफ, हाईकोर्ट की रोक हटाई

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भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश को रद्द कर दिया, जिससे शैक्षणिक वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश और मान्यता प्रक्रिया फिर से शुरू करने का रास्ता साफ हो गया।

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल की याचिका के आधार पर राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस भी जारी किए।

कानून छात्र संघ द्वारा दायर एक याचिका पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने 16 जुलाई को इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। अदालत ने सवाल उठाया कि 166 संस्थान 2023-24 के लिए पाठ्यक्रम कैसे शुरू कर सकते हैं, जबकि उन्हें 2025 में ही मान्यता मिली थी। अदालत ने कहा कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने के समय ये संस्थान अस्तित्व में ही नहीं थे।

मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता टांडा तुराई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं को इस मामले में कोई अधिकार नहीं है और हाईकोर्ट ने बिना किसी उचित आधार के कठोर आदेश पारित कर दिया है। मान्यता प्रदान करने और प्रवेशों को विनियमित करने की ज़िम्मेदारी काउंसिल के रजिस्ट्रार की होती है। हाईकोर्ट के स्थगन ने पूरी प्रक्रिया को ठप कर दिया है।

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