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विभागों में प्रमोशन के लिए डीपीसी शुरू होने की तैयारी तेज

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भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रमोशन पॉलिसी को लेकर एक याचिका उच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण सरकार पदोन्नति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है। हालांकि, सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि जब तक न्यायालय इस मुद्दे पर अपना फैसला नहीं सुना देता वह किसी को भी पदोन्नत नहीं करेगी।

महाधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष सरकार का पक्ष रखा। अब सरकार न्यायालय के निर्णय से पहले पदोन्नति संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी करना चाहती है। विभागों को गोपनीय रिपोर्ट (सीआर) लिखने की प्रक्रिया पूरी करने और डीपीसी बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

श्रेणी I और श्रेणी II के कर्मचारियों की पदोन्नति पीएससी के माध्यम से की जाएगी। विभागों को पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करने और पीएससी से डीपीसी की तारीखें लेने के लिए कहा गया है। चूँकि सभी विभागों में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इसलिए पीएससी को डीपीसी आयोजित करने में समय लग सकता है।

अगर हाईकोर्ट इस नीति के पक्ष में फैसला लेता है, तो सरकार पदोन्नति आदेश जारी करना शुरू कर देगी। अगर सरकार अभी पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू नहीं करती है, तो हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसे पूरा होने में काफी समय लगेगा। यही वजह है कि विभागों को पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है।

सामान्य पिछड़ा अल्पसंख्यक कल्याण समाज (सपाक्स) ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि यह पदोन्नति नीति पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने के आदेश का उल्लंघन है। कोर्ट ने सरकार को एक चार्ट के माध्यम से पुरानी और नई नीतियों में अंतर बताने का निर्देश दिया है।

सरकार ने दोनों नीतियों के बीच अंतर दर्शाने वाला एक चार्ट भी तैयार किया है। हाईकोर्ट के आदेश में 7 जुलाई से पदोन्नति पर रोक लगी हुई है, लेकिन कोर्ट ने अभी तक याचिका पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की है।

दूसरी ओर सरकार ने सभी कागजात तैयार कर लिए हैं ताकि जब भी हाईकोर्ट सुनवाई की तारीख तय करे, वह अपना जवाब पेश कर सके। हाईकोर्ट के आदेश में 7 जुलाई से पदोन्नति पर रोक लगी हुई है, लेकिन कोर्ट ने अभी तक याचिका पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की है।

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