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मंत्री उइके पर 1 हजार करोड़ कमीशन का आरोप, ईएनसी ने बैठाई जांच

भोपाल। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHED) के इंजीनियर-इन-चीफ (ई-इन-सी) द्वारा 21 जून को लिखे गए पत्र ने विवाद खड़ा कर दिया। पत्र में इंजीनियर-इन-सी ने जल निगम के मुख्य अभियंता और परियोजना निदेशक को विभाग की मंत्री सम्पतिया उइके के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया।

इंजीनियर-इन-सी ने मंत्री के खिलाफ और उइके के लिए कथित तौर पर पैसे इकट्ठा करने के लिए मंडला के कार्यकारी अभियंता की संपत्ति की जांच के आदेश दिए।

पूर्व विधायक किशोर समरीते ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। पत्र में समरीते ने आरोप लगाया कि मंत्री ने 1,000 करोड़ रुपये का कमीशन लिया है।

समरीते ने पूर्व इंजीनियर बीके सोंगरिया और सीई भास्कर के खिलाफ भी शिकायत की। केंद्र सरकार ने जांच के लिए पीएचई विभाग को पत्र भेजा। विभाग ने जांच की। जांच में पता चला कि मंत्री के खिलाफ शिकायतें निराधार थीं।

पीएचई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्री के खिलाफ शिकायत निराधार है और इसमें सबूतों का अभाव है। समृते ने शिकायत के साथ कोई सबूत नहीं लगाया। जांच समिति ने कहा कि शिकायत मनगढ़ंत है और इसका कोई आधार नहीं है।

यह भी कहा गया कि किसी भी एजेंसी को भुगतान करने से पहले जांच की जाती है। इसलिए कोई भुगतान करना संभव नहीं था। ऐसे मामलों की जांच के लिए कार्यस्थल पर एक तीसरा पक्ष भी होता है, इसलिए पत्र में जो भी आरोप लगाए गए थे, उनमें सबूतों का अभाव था।

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