छत्तीसगढ़राज्य

CRPF के लाल ‘रोलो’ ने मधुमक्खियों के हमले में दी शहादत, नक्सली ऑपरेशन में रही महत्वपूर्ण भूमिका

बीजापुर
 छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े अभियान में सीआरपीएफ का एक वीर डॉग शहीद हो गया। के9 रोलो नाम का यह डॉग जो विस्फोटक ढूंढने और हमले करने में माहिर था 200 मधुमक्खियों के हमले में मारा गया। यह घटना कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में हुई। रोलो सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के 21 दिन के ऑपरेशन का हिस्सा था। उसे मरणोपरांत सम्मान मिलेगा।

यह दुखद घटना तब हुई जब सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में तलाशी अभियान चला रही थी। के9 रोलो भी इस टीम का हिस्सा था। अचानक, मधुमक्खियों के एक झुंड ने रोलो पर हमला कर दिया। मधुमक्खियों ने उसके शरीर पर कई डंक मारे। रोलो को बचाने के लिए उसके हैंडलर ने तुरंत उसे एक प्लास्टिक शीट से ढक दिया। लेकिन मधुमक्खियां शीट के अंदर घुस गईं और उसे और भी ज्यादा काटने लगीं। दर्द और जलन से परेशान होकर रोलो बेकाबू हो गया। उसने शीट को हटा दिया, जिससे वह और भी ज्यादा मधुमक्खियों के हमले का शिकार हो गया।
बेहोश हो गया था रोलो

अंत में रोलो को लगभग 200 मधुमक्खियों ने काटा था। वह बेहोश हो गया। उसके साथियों ने उसे तुरंत मेडिकल सहायता देने की कोशिश की। लेकिन, रोलो ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वेटरनरी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मरणोपरांत मिलेगा सम्मान

के9 रोलो एक वफादार सिपाही था। उसने नक्सलियों के ठिकानों और विस्फोटक सामग्री को ढूंढने में सीआरपीएफ की मदद की। उसकी शहादत को सम्मान देने के लिए उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल उसे मरणोपरांत कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित करेंगे।
पिछले साल मनाया था दूसरा जन्मदिन

रोलो एक खूबसूरत बेल्जियन मेलिनोइस था। उसने पिछले महीने ही अपना दूसरा जन्मदिन मनाया था। उसे सीआरपीएफ के डॉग ब्रीडिंग एंड ट्रेनिंग स्कूल डीबीटीएस बेंगलुरु में प्रशिक्षित किया गया था। अप्रैल 2024 में उसे सीआरपीएफ की 228वीं बटालियन में नक्सल विरोधी ड्यूटी के लिए भेजा गया था। सीआरपीएफ के जवान रोलो को बहुत प्यार करते थे। वे उसे अपना साथी मानते थे।

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