छत्तीसगढ़
शहर के मानक शिक्षण संस्थान ‘ दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल’ में धूमधाम से मनाया गया नवरात्रि तथा गरबा उत्सव।
अपनी मातृभूमि और अपनी अनूठी संस्कृति क़े लिए पूरी दुनिया मे भारत अपनी अलग पहचान रखता हैं। प्रिंस
मनेन्द्रगढ़,एम सी बी,दैनिक प्रदेश का गौरव (नसरीन अशरफी) एम सी बी जिले की शान काहे जाने वाले और अपनी शिक्षा और बच्चो क़े बेहतर भविष्य क़े लिए दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल समय समय पर बच्चो क़े लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करता हैं। दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल पढ़ाई क़े साथ साथ बच्चो क़े लिए स्वास्थ व ज्ञान वर्धक प्रतियोगिता आयोजित करता हैं। बच्चो क़ो धर्म और अपनी मातृभूमि और संस्कृति से जोड़ने क़े लिए दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल ने
सारे विद्यालय प्रांगण को रंग-बिरंगे फूलों, दीपकों तथा अन्य सजावट सामग्री से सजाया गया था।
इस भव्य कार्यक्रम की शुरूआत मां दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा पुष्प अर्पण के साथ की गई, संस्था के प्राचार्य डॉ बसंत कुमार तिवारी एवम् निदेशिका श्रीमति पूनम सिंह ने माता दुर्गा के समक्ष दीप प्रज्वलन करके समस्त संसार के मंगल हेतु कामना की गई। कार्यक्रम की अगली श्रेणी में विद्यालय की होनहार छात्राओं द्वारा समस्त नौ देवियों के स्वरूप में झांकी निकाली गई एवम् रोंगटे खड़े कर देने वाली अद्भुत नृत्य प्रस्तुति दी गई,इस शानदार नृत्य प्रस्तुति के पश्चात मां जगत जननी के सभी नौ स्वरूपों के महत्त्व के बारे में जानकारी दी गई तत्पश्चात् विद्यालय की शिक्षिकाओं द्वारा सुमधुर भजन की प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम की अगली श्रेणी में बहुप्रतीक्षित गरबा एवम् डांडिया नृत्य का आरंभ हुआ, छात्र-छात्राओं ने गरबा और डांडिया की मनमोहक प्रस्तुतियाँ देकर सबका मन मोह लिया। तालबद्ध संगीत और रंग-बिरंगे परिधानों में सजे विद्यार्थियों ने गरबा नृत्य कर उपस्थित जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर तिवारी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नवरात्रि शक्ति, साधना और आत्मबल का पर्व है। गरबा और डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्य हमारे सांस्कृतिक वैभव का प्रतीक हैं, जो हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं। हमारे विद्यालय में यह पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का संगम है। आज के इस आयोजन में आप सभी विद्यार्थियों को विभिन्न कार्यक्रमों — जैसे गरबा नृत्य, दुर्गा स्तुति, गीत-संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से नवरात्रि की महिमा का अनुभव हुआ। यह उत्सव हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और यह सिखाता है कि एकता, अनुशासन और भक्ति से ही जीवन में सच्ची सफलता प्राप्त होती है।
इसके पश्चात् विभिन्न प्रतियोगी श्रेणी के अंतर्गत पुरस्कार वितरण किया गया।
निदेशिका महोदया श्रीमति पूनम सिंह द्वारा नवरात्रि की शुभकामनाएँ देते हुए कहा गया कि नवरात्रि का अर्थ है – ‘नव’ अर्थात् नौ और ‘रात्रि’ अर्थात् रातें। यह पर्व नौ रातों और दस दिनों तक चलने वाला पावन उत्सव है, जिसमें हम माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं। यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय, अधर्म पर धर्म की विजय, तथा अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है।
नवरात्रि हमें यह संदेश देती है कि यदि हम दृढ़ निश्चय, सच्ची भक्ति और परिश्रम के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ें, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती। जैसे माँ दुर्गा ने महिषासुर का संहार कर अधर्म का अंत किया, वैसे ही हमें भी अपने भीतर के आलस्य, क्रोध, ईर्ष्या और नकारात्मकता को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करना चाहिए।
कार्यक्रम का सफ़ल संचालन विद्यालय की शिक्षिकाओं सुश्री आरजू खान, जुल्फीज अख़्तर,अवनीत कौर, सुप्रिया सिंह द्वारा किया गया तथा अंत में धन्यवाद प्रस्ताव गणित की वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमति सोनल धवन द्वारा किया गया।
मां जगदात्री के जयकारों के साथ इस भव्य तथा शानदार आयोजन का समापन किया गया।