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हिंदूं एक जीवन जीने की पद्धति है। हमारा जीवन धर्म, संस्कृति,और इस राष्ट्र की रक्षा के लिए बना है। इसलिए हम सभी को अपनी जीवन पद्धति के अनुसार जीवन जीकर हमारे राष्ट्र की उन्नति के लिए राष्ट्र के लिए जो अच्छा हो सके वह करने की इच्छा और आकांक्षा जागृत करनी पड़ेगी

( लखन गुर्जर ) राजगढ़ जिले के पीपलोदी के समीप खरबरी रामदेव मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का आज समापन दिवस की कथा का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण जान सम्मिलित हुए इसी दौरान सकल हिंदू समाज के द्वारा हिंदू सम्मेलन का आयोजन भी किया गया

 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर राजगढ़ जिले के पिपलोदी मंडल में हिंदू सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में धर्मेंद्र शर्मा वरिष्ठ समाजसेवी उपस्थित रहे, उन्होंने कहा हमारी जो संस्कृति है उसको विस्मृत करते हुए पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रहे हैं परंतु इसी संस्कृति के माध्यम से हमारे ऋषि मुनियों ने तपस्या कर इसको अभी तक बनाए रखा इसलिए हम सभी का भी कर्तव्य बनता है कि यह श्रृंखला आगे तक चलती रहे, श्री शर्मा ने यह भी कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि गर्व से कहो हम हिंदू है इस बात को आगे बढ़ते हुए संघ निर्माता डॉक्टर हेडगेवार ने इस संपूर्ण हिंदू समाज का संगठन करते हुए संघ स्थापना की और यह 100 वर्ष की यात्रा मैं आज समाज स्वयं संगठित होकर के एक उत्साह के रूप में हिंदू सम्मेलन के रूप में यहां मना रहा है यह समाज के लिए उत्साह और गर्व की बात है। उन्होंने कहा है कि हिंदूं एक जीवन जीने की पद्धति है। हमारा जीवन धर्म, संस्कृति,और इस राष्ट्र की रक्षा के लिए बना है। इसलिए हम सभी को अपनी जीवन पद्धति के अनुसार जीवन जीकर हमारे राष्ट्र की उन्नति के लिए राष्ट्र के लिए जो अच्छा हो सके वह करने की इच्छा और आकांक्षा जागृत करनी पड़ेगी और संकल्प लेना होगा कि मैं मेरे दैनिक जीवन में कुछ समय अपनी संस्कृति अपने धर्म और अपने सभ्यता को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित करूंगा।

 

कार्यक्रम के संत प्रवक्ता के रुप में संत गौतम व्यास ने अपने उद्बोधन में कहा की हमें समाजिक परिवेश में आने वाले कई विषयो पर विचार प्राप्त हुए अंत में विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया जिसमें आयोजन समिति ने कार्यक्रम को सफल किया

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