केन्द्रीय कामॅन रिव्यू मिशन टीम का राजस्थान दौरा— राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं, योजनाओं एवं नवाचारों को सराहा

जयपुर, 6 नवम्बर। राजस्थान की मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना, मा वाउचर योजना, रामाश्रय वार्ड योजना, मिशन मधुहारी सहित कई योजनाएं एवं नवाचार देश के अन्य राज्यों के लिए मिसाल बनकर उभरे हैं। अन्य राज्य भी इन योजनाओं एवं नवाचारों को अपना रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 17वें क़ॉमन रिव्यू मिशन के जांच दल की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं। जांच दल ने राजस्थान में झुंझुनूं व नागौर जिले में चिकित्सा केन्द्रों का 31 अक्टूबर से 7 नवम्बर तक निरीक्षण दौरा किया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ की अध्यक्षता में गुरूवार को स्वास्थ्य भवन में जांच दल के साथ फीडबैक ब्रीफिंग बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जांच दल ने निरीक्षण के दौरान अवलोकन किए गए बिंदुओं के आधार पर प्रजेंटेशन के माध्यम से फीडबैक प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की क्रियान्विति, नवाचारों के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं की सराहना की।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि 17वें कॉमन रिव्यू मिशन दल ने एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं और कार्यक्रमों का सघनता से निरीक्षण किया है एवं यह दल अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपेगा। उन्होंने केन्द्रीय जांच दल की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह हर्ष का विषय है कि केन्द्रीय दल ने भी प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं, अस्पताल में उपलब्ध व्यवस्थाओं एवं जनकल्याण कारी योजनाओं यथा मा-वाउचर योजना, रामाश्रय वार्ड, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना, निःशुल्क दवा-जांच योजना सहित अनेकों कार्यक्रमों के बारे में सराहना की है। उन्होंने कहा कि जांच दल द्वारा प्रस्तुत किए सुधार योग्य बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए आगामी समय में जिलों में टीम भेजकर शीघ्र ही सुधारात्मक कार्यवाही कर सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जाएगा।
मा वाउचर योजना एक प्रेरणादायी पहल—
केन्द्रीय जांच दल में शामिल एनएचएसआरसी के सलाहकार डॉ. रंजन चौधरी ने दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को निजी सोनोग्राफी सेंटर्स पर भी सोनोग्राफी की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रारंभ की गई मा वाउचर योजना को प्रेरणादायी पहल बताया। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने ग्रामीण एवं सुदूर क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मा वाउचर योजना की शुरूआत की है, जिससे अब तक 3 लाख महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।
पिंक पखवाड़ा एक बेहतरीन नवाचार—
सलाहकार डॉ. रंजन चौधरी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में एनीमिया नियंत्रण के लिए प्रदेशभर में पिंक पखवाड़ा का आयोजन भी एक बेहतरीन नवाचार है। यह एक विशेष कार्यक्रम है, जिसमें एनीमिया नियंत्रण के लिए फेरिक कार्बोक्सी माल्टोज (एफसीएम) इंजेक्शन प्रदान किया जाता है। प्रदेश में मातृ स्वास्थ्य के लिए प्रसूता महिलाओं के लिए अपनायी जा रही सात रंगीन बेडशीट्स फॉर सेवन डेज पॉलिसी की भी सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अनोखी पहल है, जिसमें माताओं को 7 दिनों तक अलग-अलग रंगीन बेडशीट्स प्रदान की जाती हैं ताकि उनकी स्वच्छता और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके।
एकीकृत डेशबोर्ड से स्कूलों एवं स्वास्थ्य केंद्रों के बीच बढ़ा समन्वय—
डॉ. चौधरी ने एचबीएनसी, स्ट्रोक और एचबीवाईसी सपोर्टिव सुपरविजन के लिए एकीकृत डैशबोर्ड, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों के बीच समन्वय को बढ़ावा देने के लिए शाला दर्पण कार्यक्रम एवं कलेवा योजना को भी सराहा। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत बना रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इन योजनाओं से बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं सुलभ हो पा रही हैं।
मिशन मधुहारी से गैर संचारी रोगों पर प्रभावी रोकथाम—
सलाहकार डॉ. रंजन चौधरी ने कहा कि गैर संचारी रोग टाइप-1 डायबिटीज नियंत्रण के लिए मिशन मधुहारी एक अभिनव पहल है। उन्होंने सीएचसी और उच्च स्तर पर प्रदान की जा रही डेंटल सेवाओं की विशेष सराहना की। उन्होंने बताया कि समुदाय स्तर पर भी लोगों में योजनाओं के बारे में जानकारी और सेवाओं के प्रति राय सकारात्मक है। यह एक अच्छा इंडीकेटर है। जांच दल ने निःशुल्क जांच योजना में जांच सेवाओं के साथ जांच में काम आने वाले रीएजेंट्स को भी ऑनलाइन करने, स्वास्थ्य कार्मिकों के रिक्त पदों को भरने सहित कई बिन्दुओं पर सुधारात्मक कार्यवाही करने के लिए भी कहा।
बैठक में मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. अमित यादव, प्रबंध निदेशक आरएमएससीएल श्री पुखराज सेन, अतिरिक्त मिशन निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला, निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी श्री हरजी लाल अटल, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे। साथ ही नागौर व झुंझुनूं जिले के सीएमएचओ सहित अऩ्य स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
कॉमन रिक्यू मिशन के इस दल में एडीजी, डीटीई डॉ. बी.एस. चरण, प्रमुख सलाहकार डॉ. अनुराधा मोंगा, श्रीमती श्वेता रॉय, मो. मुर्शिद, एएसओ, श्री प्रियदर्शी दाश, श्रीमती स्मिता मिश्रा, डॉ. योगेश कुमार जैन, डॉ. धीरज मेघवाल, डॉ. दीक्षा वर्मा, डॉ. शुभकांत बेहरा एवं डॉ किशोर ए गवली शामिल थे।




