महाकाल की नगरी उज्जैन में अधिवक्ता एवं समाजसेविका लता नायक का राष्ट्रीय सम्मान
समाज सेवा, मानवता एवं जनजागरण के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदान किया
महाकाल की नगरी उज्जैन में अधिवक्ता एवं समाजसेविका लता नायक का राष्ट्रीय सम्मान
छत्तीसगढ़/मध्यप्रदेश(रायपुर/उज्जैन)। बाबा महाकाल की पवित्र नगरी उज्जैन में आयोजित अवंतिका राष्ट्रीय सम्मान समारोह में छत्तीसगढ़ की प्रख्यात अधिवक्ता एवं समाजसेविका सुश्री लता नायक को “राष्ट्रीय समाज सेवा सम्मान” से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उन्हें समाज सेवा, मानवता एवं जनजागरण के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदान किया गया।कार्यक्रम का आयोजन रविवार, 5 अक्टूबर को उज्जैन के ऐतिहासिक सांस्कृतिक सभागार में किया गया, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों—पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ सहित लगभग 80 सामाजिक संस्थाओं और कार्यकर्ताओं को उनके क्षेत्रीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता उज्जैन नगर निगम की सभापति कलावती यादव ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष रवि राय, राज्य मंत्री एवं वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सनवर पटेल, समाजसेवी नारायण यादव (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बड़े भाई) तथा चुनाव आयोग की ब्रांड एंबेसडर एवं किन्नर कल्याण बोर्ड की केंद्रीय सचिव सुश्री श्वेता किन्नर उपस्थित रहीं।
सम्मान ग्रहण करते हुए सुश्री लता नायक ने कहा कि यह पुरस्कार केवल उनका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उन सभी लोगों का है जो समाज में बिना किसी स्वार्थ के सेवा और संवेदना का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “महाकाल की नगरी से मिला यह सम्मान मेरे लिए प्रेरणा है कि आने वाले समय में मैं और अधिक समर्पण के साथ समाज के लिए कार्य कर सकूं।”
अवंतिका राष्ट्रीय सम्मान समारोह का उद्देश्य देशभर में सामाजिक समरसता, नारी सशक्तिकरण और मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना हेतु कार्यरत व्यक्तित्वों को राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाना है। आयोजकों ने बताया कि इस वर्ष का चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही, जिसमें विभिन्न राज्यों से प्राप्त नामांकन में से केवल 80 प्रतिनिधियों को ही चयनित किया गया।
छत्तीसगढ़ से सम्मानित हुईं सुश्री लता नायक को न केवल उनके कानूनी ज्ञान के लिए बल्कि गरीब, शोषित और असहाय वर्ग के उत्थान हेतु चलाए जा रहे सतत सामाजिक अभियानों के लिए भी जाना जाता है। वे वर्षों से महिला अधिकारों, शिक्षा जागरूकता और ग्रामीण न्याय प्रणाली में सुधार की दिशा में सक्रिय हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल महाकाल की नगरी में समाजसेवा, संस्कृति और मानवता का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने यह संदेश दिया कि सेवा की कोई सीमा नहीं होती — चाहे वह भाषा, प्रदेश या जाति की सीमाओं से परे ही क्यों न हो।