पंच परिवर्तन से देश का सर्वांगीण विकास संभव – तुलेन्द्र
संघ के शताब्दी वर्ष में मंडल स्तरीय पथ संचलन का आयोजन ग्राम अर्जुनी में हुआ।
पंच परिवर्तन से देश का सर्वांगीण विकास संभव : तुलेंद्र वर्मा

बलौदाबाजार(अर्जुनी)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में मंडल स्तरीय पथ संचलन का आयोजन ग्राम अर्जुनी में हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील कुमार वर्मा सेवानिवृत्ति सैनिक, खंड संघचालक तुलाराम वर्मा खंड सहसंघचालक नरसिंह वर्मा तथा मुख्य वक्ता जिले के सहकार्यवाह तुलेंद्र वर्मा जी रहे।मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज के हर वर्ग में संगठन अनुशासन और राष्ट्र के प्रति निष्ठा से कार्य करती है। मैं यहां पधारे सभी पालक बंधुओ से आग्रह करता हूं कि अपने बच्चों को शाखा में अवश्य भेजें जिससे बच्चों में अनुशासन और देशभक्ति का निर्माण हो सके।यह शताब्दी वर्ष केवल उत्सव तक सीमित नहीं है अपितु एक नए संकल्प का अवसर है कि हम सशक्त समरस समाज का निर्माण कर आत्मनिर्भर भारत का बनाने में अपना सर्वस्व समर्पित होकर कार्य करने का समय है। स्वयंसेवको को देश की सर्वांगीण उन्नति के लिए पंच परिवर्तन अपने जीवन में आत्मसात करना है। पहला है स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग स्वभाषा, स्वभूषा, स्वसंस्कृती स्वदेशी वस्तुओं को अपने जीवन में शामिल करना। दूसरा है कुटुंब प्रबोधन आज कई कारणों से परिवार बिखर रहा है उन परिवारों में निरंतर बातचीत होते रहे जिससे परिवार एक हो सके । छत अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन विचार एक होना चाहिए परिवार के हर सुख दुख में संगठित होकर एक दूसरे का काम आना चाहिए।
तीसरा है सामाजिक समरसता आज समय की मांग है अब हमें जातियों में बटकर नहीं रहना है जाति से ऊपर उठकर हिंदू समाज संगठित होकर राष्ट्र उत्थान के लिए कार्य करना होगा। चौथा है पर्यावरण संरक्षण पॉलिथीन का कम से कम उपयोग हो जल का संरक्षण हो तथा अपने जीवन काल में अधिक से अधिक पेड़ तैयार करना जिससे आने वाली पीढ़ी को शुद्ध वातावरण मिल सके। पांचवा है नागरिक कर्तव्य का पालन करना । देश में बने विधी विधान एवं नियमों का अक्षरसह पालन करना। ट्रैफिक आदि नियमों का पालन करना कर आदि का भुगतान समय पर हो इस बात का ध्यान रखना देश की संपत्ति को अपने संपत्ति की तरह रक्षा करना ऐसे ही नैतिक जिम्मेदारी का हमें पालन करना होगा तभी यह देश सर्वांगीण उन्नति कर सकता है मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि वो समस्त कार्य करना है जो देश समाज के प्रगति में सहायक हो।