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पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रमुख सचिव ने दुग्ध समृद्धि अभियान के अंतर्गत पशुपालकों से की चर्चा

राजगढ

प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की जा रही है। इसके लिए दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अभियान के निहित बिंदुओं के परिपेक्ष्य में क्रियान्वित कार्यो का पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव और कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से भ्रमण कर जायजा लिया है।

साथ ही प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने शनिवार को राजगढ़ जिले के ग्राम बिलयारी, सिमलाखेड़ी, चिड़ीखेड़ी, लसुलडी महाराजा में पहुंचकर पशुपालकों से संवाद कर पशुओं की नस्ल सुधार खासकर सीमन से बछियां ही जन्मे, दुग्ध उत्पादन में और कैसे वृद्धि हो ताकि दुग्ध की पूर्ति सुगमता से हो और पशुपालकों की आमदनी में इजाफा हो, शासन की योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं की प्राप्ति की जानकारी ली। पशुओं के आहार, प्रति नग दूध कितना देता है। दूध ज्यादा दे इसके लिए स्थानीय स्तर पर क्या किया जाए। वहीं दूध कहां कितनी दर पर बेचते हैं इत्यादि के साथ साथ अन्य विषयों पर संवाद कर धरातलीय स्थिति से अवगत हुए।

कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने सभी पशुपालकों को केसीसी जारी करने और पशुओं का बीमा कराने की व्यवस्था क्रियान्वित करने के निर्देश मौके पर मौजूद पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के उप संचालक को दिए हैं। साथ ही 02 अक्टूबर से शुरू हुआ दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान का क्रियान्वयन 09 अक्टूबर तक किया जाना है। इस अभियान अंतर्गत पशुपालकों से सहज संवाद स्थापित करने के सबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव द्वारा जारी किए गए।
प्रदेश के पशुपालकों से व्यक्तिगत संवाद स्थापित कर नस्ल सुधार, पशु पोषण एवं पशु स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी साझा की जाना है। उन्होंने इस अभियान के उददेश्यों की पूर्ति हेतु संबंधित विषयों पर पशुपालकों से समानुभाव के साथ सहज संवाद स्थापित किया जाना आवश्यक है। अतः निम्न बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए ग्राम में संपर्क की कार्यवाही की जाए।

जिसमें मैत्री सहायक पशुचिकित्सा क्षेत्र अधिकारी द्वारा ग्राम सम्पर्क से पूर्व उपलब्ध कराई गई सूची (भारत पशुधन एप अनुसार) में उल्लेखित पशुपालकों से दूरभाष पर सम्पर्क कर, पहुचने की तिथि व समय की सहमति प्राप्त करने के प्रयास किए जाए। साधारण वेशभूषा में ग्राम प्रवेश करे एवं मंहगी वस्तुओं का प्रदर्शन करने से बचे।ग्राम में पहुंचकर ग्राम वासियों से सादर अभिवादन कर अपना परिचय एवं उददेश्यों की जानकारी देवे तथा उपलब्ध कराई गई सूची का सत्यापन करावे। सूची में उल्लेखित समस्त पशुपालको से चर्चा की जाना है अर्थात यदि किसी पशुपालक के पास वास्तविकता में 10 से कम पशु भी हो, तो भी ऐसे परिवार से संपर्क किया जाए।

इस अवसर पर अनुविभागीय (राजस्व) अधिकारी नरसिंहगढ़ श्री सुशील कुमार, अनुविभागीय (राजस्व) अधिकारी ब्यावरा श्री गोविंद दुबे, पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के उप संचालक सहित विभागीय अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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