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*माँ जालपा की महिमा से सरोबर हुआ राजगढ़,चुनरी यात्रा मे उमड़ा सेलाब* – जहां तक पहुंची निगाहें वहां तक नजर आई मां की चुनरी – मां जालपा को ओढ़ाई 1111 मीटर की चुनरी


राजगढ़। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल व हिंदू चेतना मंच के तत्वधान व नगर वासियों के सहयोग से कई वर्षों से मां जालपा को चुनार चढ़ाने की परंपरा जारी है। हर वर्ष इस चुनर यात्रा में अलग-अलग रंग दिखाई देते हैं। कभी चुनर यात्रा के दौरान बाहरी कलाकारों के द्वारा भक्तों का मनोरंजन होता दिखाई दिया है, तो कई बार मौसम की रंगत ने भी भक्तों का दिल जीता है करीब 15 वर्षों से भी अधिक समय से निकाली जा रही इस चुनर यात्रा ने इस वर्ष भी रविवार को चौथे नवरात्र के दिन अपना एक अलग ही रिकॉर्ड बनाया और जहां तक निगाहें पहुंची वहां तक मां की चुनरी व उसकी छांव में समाये हजारों भक्त दिखाई दिए।

*कन्या पैर पूजन से शुरू हुई यात्रा पहुंची मां के धाम*

रविवार के दिन सुबह 10:30 बजे से शुरू हुए इस आयोजन में सबसे पहले राजमहल स्थित प्रांगण में महिलाओं के एकत्रीकरण के साथ ही छोटी बालिकाओं के पैर पूजन की रस्म जो वर्षों से चली आ रही है को पूरा करते हुए मां की चुनरी को विशेष पूजा अर्चना के बाद मात्र शक्तियों के हाथ में सौंपते हुए ।

*चुनरी यात्रा की विशेषता*

यात्रा की शुरुआत हुई जो शहर के विभिन्न मार्ग बढ़ चौक, झांसी की रानी चौराहा, ब्यावर नाका, खिलचीपुर नाका होते हुए राजगढ़ से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मां जालपा भवन पहुंची जहां विशेष पूजा अर्चना के बाद समिति सदस्यों ने मां को चुनरी भेंट की।

*जगह-जगह हुआ स्वागत अल्पाहार की रही व्यवस्था*

चुनर यात्रा में निकलने वाले हजारों भक्तों के पैरों में छाले न पड़े इसके लिए आयोजकों द्वारा पूरे रास्ते में मेटी ,कारपेट बिछाकर व्यवस्था की गई थी वहीं नगर की अलग-अलग झांकी समितियो के साथ ही हिंदू उत्सव समिति वअन्य गणमान्य नागरिकों द्वारा अलग-अलग स्थान पर स्टाल लगा कर स्वल्पाहार के साथ ही शीतल जल की व्यवस्था भी रास्ते में की गई थी।

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