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अतीत से प्रेरणा ले, वर्तमान को आधार रख, भविष्य निर्माण के लिए कार्य कर रहे स्वयंसेवक


राजगढ़
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष विजयदशमी पर अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है, शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयदशमी 2025 से होगी इसी निमित्त राजगढ़ नगर के गणवेशधारी स्वयंसेवकों का एक एकत्रीकरण मंगल भवन में रखा गया। एकत्रीकरण में मध्यभारत प्रांत के सह प्रांत प्रचारक श्री सुरेंद्र सिंहजी ने अपने उद्बोधन में कहा की इस पीढ़ी का सौभाग्य है कि संघ के 100वे वर्ष में कार्य कर रहे हैं पूर्व जन्म के पुण्य कर्म का प्रतिफल है कि इस राष्ट्र के कार्य हेतु हमें 100वे वर्ष में कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। संघ कार्य को 100 वर्ष हो गए हैं यह हमारे हर्ष का विषय नहीं है क्योंकि समाज के लिए जो कार्य संघ कर रहा है वह बहुत पहले हो जाना चाहिए था किंतु प्रसन्नता इसलिए है की जो कार्य हम कर रहे हैं उसे करते-करते 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं एवं उस कार्य में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है यह हर्ष का विषय है। शाखा समाज के बीच आजूबा है कि कैसे प्रतिदिन एक घंटे के कार्यक्रमों से नेतृत्ववान, आदर्श, राष्ट्रभक्त स्वयंसेवकों का निर्माण होता है । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक ऐसा संगठन है जिसके हजारों स्वयंसेवक एक समय एक स्थान पर एकत्रीत होकर राष्ट्र की आराधना करते है।शाखा के माध्य्म से ही हम आज अप्रासंगिक से प्रासंगिक की यात्रा की ओर हम बढ़ रहे हैं उन्होंने उदाहरण दिया कि रामजी वानर सेना को साथ लेकर ज़ब सेतुः बांध रहे थे तब वहा पर एक गिलहरी भी अपना योगदान दे रही थी उसी प्रकार आज हिन्दू समाज में स्वयंसेवक उसी उदहारण को ध्यान में रखकर पंच परिवर्तन के कार्य कर रहा है समाज समरस बने, स्व का भाव जागृत हो, कुटुंब का प्रबंधन हो, मौलिक कर्तव्यों का पालन हो, पर्यावरण का संरक्षण । ये पांच विषय समाज परिवर्तन के विषय हे । संघ का कार्य man to man, door to door , heart to heart contect का है। साथ ही आने वाले विजयादशमी उत्सव में निकलने वाले पथ संचलन में सभी स्वयंसेवकों से बढ़चढ़ कर सहभागिता करने हेतु आह्वान भी किया है।

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