Breaking News

डेडिकेटेड फ़्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) – विकास के कॉरिडोर

इस महीने की शुरुआत डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) में तेजी के साथ हुई, जिसने भारत की माल ढुलाई अवसंरचना यात्रा में एक परिवर्तनकारी अध्याय के लिए मंच तैयार किया।

प्रबंध निदेशक श्री प्रवीण कुमार ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ़्रेट कॉरिडोर (EDFC) के न्यू दादरी – न्यू खुर्जा – न्यू चावापायल खंड के व्यापक निरीक्षण का नेतृत्व किया। इस दौरे का समापन न्यू तलहेड़ी बुजुर्ग ट्रैक्शन सब स्टेशन (2×25 केवी टीएसएस) के उद्घाटन के साथ हुआ – आगामी वर्षों में फ्रेट कॉरिडोर पर चलने वाली विद्युत चालित मालगाड़ियों के लिए ऊर्जा आपूर्ति का महत्वपूर्ण केंद्र साबित होगा। इसके साथ ही आधुनिक तकनीक और बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। वहीं, माल ढुलाई की गति और क्षमता को बढ़ाया जा सकता है, इसके अलावा उन्‍होंने न्यू खन्ना स्‍टेशन स्थित रेल ग्रेडिंग मशीन (आरजीएम) साइडिंग ,न्यू अंबाला सिटी में बने डीएफसीसीआईएल स्टाफ क्वार्टरों तथा न्यू चावापायल इंटर मिडियट मेंटेनेंस डिपो (आई एम डी) का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से कार्य प्रगति, निर्माण गुणवत्ता और अन्‍य विषय की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि केवल बड़े प्रोजेक्ट ही नहीं, बल्कि सहायक अवसंरचना निर्माण डीएफसीसीआईएल की प्राथमिकता में शामिल है।

इसी क्रम में उन्‍होंने हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर डीएफसीसीआईएल के संबंध में जानकारी देते हुए कॉफी टेबल बुक भेंट की । बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि न्यू रेवाड़ी (हरियाणा) और काठूवास (राजस्थान) के उद्योगपतियों व व्यापारियों को समर्पित माल ढुलाई अवसंरचना के माध्यम से लागत में कमी, तेज़ डिलीवरी और बेहतर लॉजिस्टिक विकल्प उपलब्ध होंगे। इसके परिणामस्वरूप न केवल औद्योगिक गतिविधियों को गति मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और स्थानीय रोजगार अवसरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

निरीक्षण के बाद श्री प्रवीण कुमार ने अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि डीएफसीसीआईएल का लक्ष्य केवल माल ढुलाई की क्षमता बढ़ाना ही नहीं, बल्कि भारतीय रेल के लॉजिस्टिक्स तंत्र को विश्वस्तरीय स्तर पर पहुंचाना भी है। उन्होंने बेहतरीन सुरक्षा मानकों का पालन करने को कहां। निर्माण के दौरान गुणवत्ता को बेहतर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह परियोजनाएं आने वाले दशकों तक भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाली हैं।

उन्होंने विशेष रूप से संचालन क्षमता (परिचालन दक्षता) को बढ़ाने पर बल दिया। उनका कहना था कि फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों की औसत गति, समय पर डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स की विश्वसनीयता बढ़ेगी। इसके साथ ही तकनीक, प्रबंधन और मानव संसाधन—तीनों का समन्वय प्रभावी होगा।

इसके अलावा DFCCIL ने जापान इंटरनेशनल को ऑपरेशन एजेंसी (JICA) के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की मेज़बानी की, जिसकी अध्यक्षता संचालन एवं व्यवसाय विकास निदेशक श्री शोभित भटनागर ने की। इसमें DFCCIL के वरिष्ठ अधिकारी और JICA प्रतिनिधि श्री तेत्सुया यामादा एवं श्री ताकुरो ताकेउची शामिल हुए।

दो घंटे की इस बैठक में ईस्टर्न और वेस्टर्न कॉरिडोर के परिचालन प्रदर्शन की समीक्षा हुई। चर्चाओं में चुनौतियों, अवसरों और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तेज़ी से माल ढुलाई पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की रणनीतियों पर बल दिया गया। प्रौद्योगिकी और निवेश पर JICA की विशेषज्ञता ने भारत की लॉजिस्टिक्स क्रांति में उनकी दीर्घकालिक साझेदारी को दोहराया। दोनों पक्षों ने ज्ञान-साझेदारी और सहयोग को और गहरा करने पर सहमति जताई, ताकि माल ढुलाई कॉरिडोर की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ सके।

Related Articles

Back to top button
× click to chat whatsapp