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मृदा एवं मानव स्वास्थ्य के लिये प्राकृतिक खेती उत्तम* – कलेक्टर*

राजगढ़

कृषि केन्द्र एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय कृषि सखियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिवस कलेक्टर डॉ. गिरिश कुमार मिश्रा द्वारा कृषि सखियो को प्राकृतिक खेती को बढावा देने हेतु संबोधित किया गया।
साथ ही सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का प्राकृतिक उत्पादो का खेती में आसानी से उपयोग किया जा सकें, लगातार रसायनो का उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती जा रही है, जबकि प्राकृतिक खेती से फसलो का उत्पादन लम्बे समय तक उत्पादन में लिया जा सकता है, क्योकि इस पद्वति से मृदा का स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिकीय तंत्र अच्छा बना रहता है।
कृषि सखियों एवं विभाग के अधिकारी खेती में कम से कम कर्षण क्रियाए करके अच्छा एवं गुणवत्ता युक्त उत्पादन लिया जाने का प्रयास करें। तकनीकी सत्र में डॉ. एस.के. कौशिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा कलेक्टर डॉ. मिश्रा को केन्द्र पर संचालित गतिविधियो से अवगत कराया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ए.के. मिश्रा द्वारा कार्बनिक पदार्थो का महत्व एवं मृदा स्वास्थ्य बढाने की तकनीकी जानकारी दी गई। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रूपेन्द्र खाण्डवे द्वारा मृदा में कार्बनिक पदार्थ बढाने हेतु अच्छादन एवं फसल चक्र अपनाने की सलाह दी। उप संचालक कृषि श्री सचिन जैन द्वारा जिले में प्राकृतिक खेती की संभावनाओ पर विस्तृत चर्चा की गई। सहायक संचालक कृषि श्री व्ही.के. नायता द्वारा प्राकृतिक खेती के उत्पादो को अपनाने की सलाह दी गई। वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी श्रीमति गजाला खान द्वारा प्राकृतिक खेती में सूचना एवं संचार तकनीकी का उपयोग बताया गया। वैज्ञानिक डॉ. लाल सिंह द्वारा जीवामृत बनाने की विधि प्रायोगिक रूप से कृषि सखियो को सिखाई गई।

प्रायोगिक जानकारी में कलेक्टर डॉ. मिश्रा द्वारा कृषि सखियो एवं वैज्ञानिको से चर्चा की गई तथा केन्द्र की फसल संग्रहालय इकाई में मोटे अनाजो की विभिन्न प्रजातियो को देखा एवं वैज्ञानिको से फसल उत्पादन तकनीक की जानकारी ली एवं जिले के खिलचीपुर-जीरापुर में कम उपजाऊ मिट्टी में मोटे अनाज फसलो की संभावना पर चर्चा की। उप संचालक पशु विभाग श्री एम.एस. कुशवाह एवं अजीविका मिशन श्री तरूण भट्ट द्वारा कृषि सखियो को मार्गदर्शन दिया गया। कार्यक्रम में कृषि विस्तार अधिकारी श्री पदमाकर सगर एवं श्री वेदप्रकाश सेन द्वारा प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी।

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