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मनरेगा के काम में भ्रष्टाचार, तालाब खोदने में मशीनों का इस्तेमाल

छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बड़ामलहरा की पुरापट्टी ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत खोदे गए तालाबों में अनियमितताएं सामने आई हैं। ग्रामीण इलाकों में गरीबों को रोजगार देने के लिए मनरेगा की शुरुआत की गई थी।

सूत्रों के मुताबिक, तालाब खोदना मनरेगा के तहत काम का हिस्सा है, लेकिन काम करने वाली एजेंसियां मैनपावर की जगह मशीनों का इस्तेमाल कर रही हैं। पुरापट्टी ग्राम पंचायत के सरपंच को इलाके में हो रहे किसी भी विकास कार्य की जानकारी नहीं है। सरपंच के काम पर ध्यान न देने की वजह से रोजगार सहायक का बोलबाला है।

कुछ महीने पहले मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अनियमितताओं की जांच की और रोजगार सहायक के खिलाफ लाखों रुपए की वसूली के आदेश दिए। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने वसूली रोक दी। एजेंसियों ने मशीनों की मदद से काम किया, जिससे गरीबों की आजीविका छिन गई। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने मजदूरों को भुगतान करने के नाम पर पैसे निकाले थे।

ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा का उद्देश्य रोजगार की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का दूसरे स्थानों पर पलायन रोकना भी है, लेकिन पुरापट्टी में बड़ी संख्या में ग्रामीण रोजगार की तलाश में दिल्ली और मुंबई जा रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि सहायक रोजर सचिव के राजनीतिक संबंध होने के कारण अधिकारी उसके खिलाफ कार्रवाई करने से बचते हैं। कलेक्टर का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा शुरू किया गया था। प्रशासन इस बात की जांच करेगा कि तालाबों की खुदाई में मानव शक्ति के बजाय मशीनों का इस्तेमाल किया गया है या नहीं। कलेक्टर ने आगे कहा कि दोषियों को दंडित किया जाएगा और वे इस मुद्दे पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी से बात करेंगे।

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