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भारत से अमेरिका iPhone निर्यात बढ़ा, चीन के निर्यात में गिरावट

नई दिल्ली। एक नई रिपोर्ट के अनुसार जैसे-जैसे Apple भारत में अपनी विनिर्माण योजनाओं को आगे बढ़ा रहा है, वैसे—वैसे इसके निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। अप्रैल में देश से अमेरिका को iPhone निर्यात में 76 प्रतिशत (साल-दर-साल) की वृद्धि हुई है। मार्केट रिसर्च फर्म ओमडिया के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, अप्रैल में लगभग 3 मिलियन ‘भारत-निर्मित’ iPhone अमेरिका भेजे गए। इसकी तुलना में चीन से iPhone शिपमेंट में 76 प्रतिशत की भारी गिरावट आई और यह केवल 900,000 यूनिट रह गया।

एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार है जब भारत ने अमेरिकी बाजार में iPhone की आपूर्ति में चीन को लगातार पीछे छोड़ा है। रिपोर्ट में ओमडिया के शोध प्रबंधक ले झुआन चिउ के हवाले से कहा गया है, “Apple कई वर्षों से इस तरह के व्यापार व्यवधान की तैयारी कर रहा है। अप्रैल में आई तेजी टैरिफ बढ़ोतरी से पहले रणनीतिक भंडारण को दर्शाती है।” इस समय अमेरिका में iPhone की मांग प्रति तिमाही लगभग 20 मिलियन है।

देश में पूरी तरह से एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला की अनुपस्थिति में एक ‘मेड इन यूएस’ Apple iPhone की कीमत $3,500 (2,98,000 रुपए से अधिक) हो सकती है। वेडबश सिक्योरिटीज में प्रौद्योगिकी अनुसंधान के वैश्विक प्रमुख डैन इवेस ने हाल ही में CNN को बताया कि पूरी तरह से घरेलू iPhone उत्पादन का विचार एक “काल्पनिक कहानी” है।

इवेस ने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिका में Apple की जटिल एशियाई आपूर्ति श्रृंखला की नकल करने से लागत में भारी वृद्धि होगी। इसके अलावा बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, Apple को अपनी आपूर्ति श्रृंखला का 10 प्रतिशत अमेरिका में स्थानांतरित करने के लिए कम से कम तीन साल और 30 बिलियन डॉलर का भारी खर्च करना होगा। Apple के सीईओ टिम कुक ने कंपनी की नवीनतम तिमाही आय कॉल के दौरान कहा कि जून तिमाही के लिए अमेरिका को भेजे जाने वाले iPhone का “अधिकांश” हिस्सा भारत से आएगा।  

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय संघ से सभी आयातों पर 50 प्रतिशत कर लगाने की धमकी दी है और साथ ही Apple उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जब तक कि iPhone अमेरिका में नहीं बनाए जाते। हालांकि, जानकार सूत्रों के अनुसार, भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता इसे Apple जैसी तकनीकी दिग्गजों के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बनाती है और तकनीकी दिग्गज ने सरकार को अपने उत्पादों के निर्माण और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है। हाल के वर्षों में भारत Apple की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है। Apple जैसी वैश्विक तकनीकी दिग्गज देश में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में बहुत अधिक आर्थिक समझदारी देखते हैं।

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