भोपाल गैस त्रासदी 1984: पटवारी के दावे पर बोले सीएम—कांग्रेस लोगों को डरा रही

भोपाल| पीथमपुर में रेमकी कंपनी द्वारा यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। शुक्रवार को इस मुद्दे पर एमपीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और मुख्यमंत्री मोहन यादव आमने-सामने आ गए। पटवारी ने कहा कि अगर रेमकी कंपनी के आसपास के 10 किलोमीटर के भूमिगत पानी की जांच की जाए तो उसमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए जाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे। पटवारी ने कहा कि सरकार यूसी कचरे के मुद्दे पर अदालत के आदेश का बहाना बना रही है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे वित्तीय लाभ हैं।
पटवारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की प्रशासनिक विफलता के कारण भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस ने लोगों को मरने दिया और अब वह लोगों को डराने की कोशिश कर रही है। 28 फरवरी को शुरू हुआ था कचरा भस्मीकरण मध्य प्रदेश के पीथमपुर के तारपुरा गांव में रामकी एनवायरो इंजीनियर्स लिमिटेड (आरईईएल) में 28 फरवरी को यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने की शुरुआत हुई।
पहले ट्रायल रन में फैक्ट्री के भस्मीकरण यंत्र में 10 टन कचरे को नष्ट किया गया। ट्रायल-1 के दौरान मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, धार जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, एसपी मनोज कुमार सिंह और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद थे।