
नई दिल्ली| राज्यसभा में अंबेडकर को लेकर अपनी टिप्पणी पर गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी। कहा- संसद में बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। भाजपा के सदस्यों ने ऐसा ही किया। जब साबित हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, आरक्षण विरोधी है, संविधान विरोधी है, तो कांग्रेस ने अपनी पुरानी रणनीति अपनाते हुए बयानों को तोड़ना-मरोड़ना शुरू कर दिया।
शाह ने कहा- खड़गेजी इस्तीफा मांग रहे हैं, उन्हें आनंद हो रहा है तो शायद मैं दे भी दूं पर उससे उनका काम नहीं बनना है। अभी 15 साल तक उन्हें जहां हैं, वहीं बैठना है, मेरे इस्तीफे से उनकी दाल नहीं गलने वाली।
दरअसल, इससे पहले खड़गे ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि गृह मंत्री अमित शाह को रात 12 बजे से पहले बर्खास्त कर दें। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और शाह एक-दूसरे के पापों और बातों का बचाव करते हैं।
गौरतलब है कि गृह मंत्री शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था, ‘अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ कांग्रेस ने इसे अंबेडकर का अपमान बताते हुए शाह के इस्तीफे की मांग की है।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, आरक्षण विरोधी है, संविधान विरोधी है। पार्टी ने सावरकर का भी अपमान किया, आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दीं, कांग्रेस ने नारी सम्मान को भी सालों दरकिनार किया, न्यायपालिका का अपमान किया, शहीदों का अपमान किया, भारत की भूमि का संविधान तोड़कर विदेशी ताकतों को देने की हिमाकत की।
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने खुद ही अपने आपको भारत रत्न दिया, नेहरू ने 1955 में, इंदिरा ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया। 1990 में अंबेडकर को तब भारत रत्न मिला जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी। अंबेडकर को भारत रत्न ना मिले इसका प्रयास कांग्रेस करती रही।
कांग्रेस ने अंबेडकर के न रहने के बाद कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया। कांग्रेस ने 1951-52 और 1954 में बाबा साहेब को हराने की कोशिश की थी। अंबेडकर की 100वीं जयंती मनाने से इनकार कर दिया था।
शाह ने कहा कि नेहरूजी की अंबेडकर के लिए नफरत जगजाहिर है। नेहरू की किताब में एक पत्र का उल्लेख है, जब पीसी राव ने खत लिखकर नेहरू को कहा कि अंबेडकर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर जाने का मन बना रहे हैं। नेहरू ने कहा था- अंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल के ऊपर कोई फर्क नहीं पडेगा।
नेहरूजी की एक और किताब है कि मुंबई के मेयर ने अंबेडकर के जन्मस्थान महू में स्मारक बनाने का सुझाव दिया। 1959 में नेहरू ने कहा- स्मारक स्थापित करना सामान्य बात नहीं होगा। स्मारक निजी पहल से बनाया जाता है। नेहरू, इंदिरा, राजीव के लाखों स्मारक बनाने वाले कहते हैं कि अंबेडकर का स्मारक निजी पहल से बनाया जाना चाहिए।
पहली देश की कैबिनेट बनी, अंबेडकर सदस्य और नेहरू प्रधानमंत्री थे। नेहरू की किताब में लिखा है कि अंबेडकर को कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया। विदेश, रक्षा और अनुसूचित जाति-जनजाति से जुड़ी नीतियों और 370 के खिलाफ अंबेडकर थे।
शाह बोले कि जहां-जहां भाजपा की सरकार आती गई स्मारक बनते गए। मोदी सरकार ने अंबेडकर से संबंधित पंच तीर्थ का विकास किया। 19 नवंबर 2015 को मोदीजी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया। 2018 में मोदीजी ने महापरिनिर्वाण स्थल पर अंबेडकर स्मारक का उद्घाटन किया।
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सार्वजनिक जीवन में बयानों को तोड़ना-मरोड़ना और हल्ला मचाने का काम किया है। मोदजी के एडिटेड बयानों पेश किया। चुनाव में मेरे बयान को AI से एडिट कर फैलाया। आज अंबेडकर जी के लिए मेरी बात को तोड़ मरोड़ रहे हैं।
मीडिया से विनती है कि मेरा पूरा बयान जनता में रखिए। मैं उस पार्टी से आता हूं, जो अंबेडकर जी का कभी अपमान नहीं कर सकती। जब जब भाजपा शासन में रही, अंबेडकर के सिद्धांतों का हमने प्रचार-प्रसार किया है। आरक्षण को मजबूत करने का काम भाजपा ने किया है।
शाह ने कहा, मेरी पूरी बात राज्यसभा में रिकॉर्ड पर है। भाजपा सदस्यों ने ट्वीट कर इस बात को लोगों तक पहुंचाया है। कांग्रेस मेरे बयान को तोड़मरोड़कर जनता में रख रही है। जनता में भ्रांति फैला रही है। मेरा बयान जनता तक पहुंचाइए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। मैं उस पार्टी से आता हूं जो सपने में बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती है।”
मोदी ने किया शाह का सपोर्ट, कहा- कांग्रेस नाटक कर रही
विपक्षी नेताओं की तरफ से गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग के बाद बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जवाब दिया। मोदी ने X पर 6 पोस्ट किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस अब अंबेडकर पर नाटक कर रही है। पंडित नेहरू ने चुनाव में अंबेडकर के खिलाफ प्रचार किया था। उन्हें भारत रत्न देने से कांग्रेस ने इनकार किया। एससी-एसटी पर सबसे ज्यादा नरसंहार कांग्रेस के शासन काल में हुए हैं।’
मोदी बोले- कांग्रेस ने अंबेडकर की विरासत मिटाने की गंदी चाल चली
मोदी ने कहा, अगर कांग्रेस और उसके सड़े हुए इकोसिस्टम को लगता है कि वे झूठ बोलकर अपने कुकर्मों को छिपा सकते हैं तो वे गलतफहमी में हैं। भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए गंदी चाल चली। शाह ने अंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। यही कारण है कि कांग्रेस अब नाटक कर रही है, लेकिन लोग सच्चाई जानते हैं। कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वह इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उसके शासन में हुए हैं।
टीएमसी ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया
विपक्ष ने गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस ने शाह के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘शाह ने दलित शख्सियत का अपमान किया है।’ उधर, कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर संविधान ग्रंथ है तो अंबेडकर भगवान हैं।
कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों: भाजपा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कांग्रेस ने कभी डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का सम्मान नहीं किया, उन्हें हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश की। कल सदन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अंबेडकर और दलित समाज के प्रति जब अपनी बात रखी तो कांग्रेस के पेट में दर्द होना शुरू गया। शिवराज सिंह ने कहा, कांग्रेस की सच्चाई अब देश जान रहा है तो कांग्रेस भयभीत हो रही है। चिंतित है कि उनकी बची-खुची जमीन भी छिनने जा रही है। कांग्रेस जवाब दे, राहुल जी, सोनिया जी और खड़गे जी जवाब दें, उन्होंने कब बाबा साहब और उनकी भावनाओं का सम्मान किया?