
नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया है। वे RBI के 26वें गवर्नर होंगे और मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेंगे। शक्तिकांत दास 12 दिसंबर 2018 को गवर्नर बनाए गए थे। शक्तिकांत दास के कार्यकाल को बाद में तीन साल और के लिए एक्सटेंड किया गया था।
राजस्थान कैडर के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, यूएसए से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री है।
मल्होत्रा ने पावर, फाइनेंस और टैक्सेशन, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और माइन्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। उनका 33 साल से ज्यादा का एक्सपीरिएंस है। वित्त मंत्रालय में सेक्रेटरी (रेवेन्यू) के रूप में सर्व करने से पहले, उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग में सचिव का पद संभाला था। मल्होत्रा के पास राज्य और केंद्र सरकार दोनों स्तरों पर फाइनेंस और टैक्सेशन में एक्सपर्टाइज है।
पीएम के पसंदीदा अफसरों में हैं मल्होत्रा
फाइनेंस के मामलों में मल्होत्रा को सुधारवादी और मजबूत काम करने वाले अफसरों में गिना जाता है। उन्हें राजस्थान के लगभग सभी विभागों में काम करने का अनुभव है। वे मूलत: राजस्थान के ही रहने वाले भी हैं। मल्होत्रा को पीएम नरेन्द्र मोदी के पसंदीदा अफसरों में से गिना जाता है। संजय मलहोत्रा के बारे में ये बात मशहूर है- वे किसी भी मुद्दे पर काम करने से पहले उस पर जमकर रिसर्च करते हैं। वे पार्क में घूमते और वॉक करते समय भी इंटरनेट से कुछ न कुछ खंगालते, सुनते, देखते रहते हैं। जब सीएम के सामने कोई प्रेजेंटेशन देते हैं तो उस रिसर्च के हवाले से ही देते हैं। ऐसे में उनकी बात और विचार का गहरा असर हर मीटिंग में देखा जाता है।
1980 बैच के IAS अधिकारी हैं शक्तिकांत दास
शक्तिकांता दास 1980 बैच के IAS अधिकारी हैं। वे तमिलमाडु कैडर के अधिकारी हैं। 2017 मई तक वे इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी थे। वे देश के 25 वें गवर्नर बने थे। नवंबर 2016 में जब नोटबंदी हुई थी, तब भी दास ही मुख्य मोर्चे पर थे। दास पिछले 38 सालों से विभिन्न पदों पर रहे हैं। दास ने 15 वें फाइनेंस कमीशन में भी सदस्य के रूप में काम किया था। दास ने भारत की ओर से ब्रिक्स, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और सार्क में प्रतिनिधित्व किया है। वे दिल्ली से स्टीफन कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
दास ने पिछली मौद्रिक नीति की समीक्षा में कहा था कि हम बहुत संकट वाले चरण में हैं और हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इससे बाहर निकल सकें। रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्तवर्ष 2022 में देश की इकोनॉमी 9.5% की दर से बढ़ेगी। पिछले साल देश की इकोनॉमी में 7.3% की गिरावट दर्ज की गई थी।