छत्तीसगढ़

समझौता, सम्मान और समाधान का मंच है नेशनल लोक अदालत – जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान

देपालपुर में न्यायालयों में लंबित 59 प्रकरणों का सौहार्दपूर्ण निराकरण कर 32 लाख 81 हजार रुपए से अधिक का अवार्ड हुआ पारित,

बैंक एवं नगर परिषदों के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में 26 लाख 29 हजार रुपयों की हुई वसूली

देपालपुर (इंदौर) – प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष विधिक सेवा प्राधिकरण, इंदौर माननीय अजय श्रीवास्तव के निर्देशन तथा तहसील विधिक सेवा समिति देपालपुर के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश माननीय हिदायत उल्ला खान के मार्गदर्शन में सिविल न्यायालय देपालपुर में दिनांक 13 दिसम्बर 2025 को इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन संपन्न हुआ।
लोक अदालत का शुभारंभ सिविल न्यायालय में पदस्थ माननीय न्यायाधीशगण श्रीमती रिज़वाना कौसर, सुश्री सुमित्रा ताहेड़ एवं सुश्री दिव्या श्रीवास्तव, एडीपीओ विक्रम राव, अंतरसिंह डाबर, इशराम गडरिया, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अंतरसिंह मौर्य, सचिव दिनेश डोड, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र पटेल, सी.एल. पटेल, बी.आर. पटेल, प्रकाश धाकड़, चेतन हार्डिया, उपाध्यक्ष दिलीप डाबी, आशीष सोनी, युवराज नागर, रोहित शर्मा, गणेश राठौर, कृष्णा जाधव, चिंतामन बाथम, श्रीमती दुलेंद जैन, श्रीमती रजनी पंवार, मालती जोशी, विपिन धाकड़, विरेन्द्र नागर, अर्जुन नागर, प्रमोद तिवारी, नायब नाजिर दिलीप यादव, चन्द्रशेखर नागर, ज्ञानेश्वर इंगले, विजय सर्वेश, अंकित सोनी, अभिलाष लोधी, तुलसीराम कुशवाह, आशिक चौहान सहित समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण तथा समस्त बैंकों व नगर परिषद देपालपुर, बेटमा एवं गौतमपुरा के अधिकारियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर किया गया।

नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों में विश्वास, संवाद और समाधान की संस्कृति को मजबूत करते हुए मामलों का सौहार्दपूर्ण निराकरण किया जाता है,जिससे समाज में समरसता बनी रहती है। उक्त अवसर पर श्री खान ने स्वरचित कविता की शानदार प्रस्तुति से उपस्थितजनों को आपसी राजीनामा हेतु प्रेरित करते हुए लोक अदालत में सर्वाधिक प्रकरणों के निराकरण वाले अधिवक्ता को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित करने की घोषणा को दोहराया। कार्यक्रम को वरिष्ठ न्यायाधीश श्रीमती रिजवाना कौसर, अध्यक्ष अंतरसिंह मौर्य एवं उपाध्यक्ष दिलीप डाबी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र पटेल ने किया और आभार प्रदर्शन सचिव दिनेश डोंड ने व्यक्त किया। 

नेशनल लोक अदालत में एक अत्यंत भावुक एवं प्रेरणादायक क्षण भी देखने को मिला,जब माननीय न्यायाधीश श्रीमती रिजवाना कौसर के न्यायालय में लंबित अर्जुन-माया एवं प्रवीण-जूली के दो परिवारिक मामलों में सुलह समझौते की संभावनाएं दिखाई देने पर उन्होंने उन दोनों मामलों को मध्यस्थता हेतु मिडिएशन सेंटर को रेफर किया,जहां प्रशिक्षित मध्यस्थ जिला न्यायाधीश श्री हिदायत उल्ला खान की  संवेदनशील समझाइए एवं प्रयासों से दोनों बिछड़े परिवारों ने आपसी सहमति से पुनः साथ रहने का निर्णय लिया और सुखमय  जीवन व्यतीत करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर उपस्थित न्यायाधीशों एवं अधिवक्ताओं ने दोनों परिवारों को मिठाई खिलाकर एवं फुल मालाएं पहनाकर सम्मानपूर्वक विदा किया। यह दृश्य लोक अदालत की मानवीय और संवेदनशील न्याय प्रणाली का जीवंत उदाहरण बना। 

नेशनल लोक अदालत का यह आयोजन न्यायपालिका और समाज के बीच विश्वास को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक सार्थक और प्रेरक पहल सिद्ध हुआ।

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