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अंबुजा(अडानी) सीमेंट संयत्र अपने करतूतों से बाज नही आ रहा। किसानों की फसल चौपट न कोई मुआवजा, और ना ही कोई विकल्प?

संयत्र से निकलने वाले पानी से अन्नदाता के फसल चौपट

तामेश्वर साहू/रवान

बलौदाबाजार/रवान- (अडानी) अंबुजा सीमेंट संयंत्र रवान स्थानीय सीमेंट संयंत्र अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है। पहले स्थानीय मजदूर, शिक्षित युवा बेरोजगार,स्थानीय ग्रामीण अब इस क्षेत्र के किसान भी इनके हरकतों से त्रस्त नज़र आ रहे हैं। संयंत्र से निकलने वाला गंदा पानी इन दिनों क्षेत्र के किसानों के लिए अभिशाप बना हुआ है।संयंत्र अपने परिक्षेत्र से निकलने वाले गंदे पानी को नाले के माध्यम से बाहर छोड़ा जा रहा है।संयंत्र के अधिकारी की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा। कई खेतों में कोलियार्ड नाले का पानी तेज बहाव के साथ घुस गया। नाले से पानी अनियंत्रित होने की वजह से खेतों में पककर तैयार धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई। वहीं खेतों में कटकर पड़े हुए धान भी गीले हो गए। इन फसलों के भी अब सड़ने की आशंका बढ़ गई है। इसके चलते किसानों को भारी नुकसान की आशंका सता रही है। संयंत्र लापरवाही से कई एकड़ फसलों को नुकसान हुआ है। यहां बड़ी तादाद में पककर तैयार धान की फसल अब पानी में डूब गई है। अब इसकी सुरक्षित कटाई में ही किसानों पर हजारों रुपए का आर्थिक भार पड़ना तय है। संशय में डूबे किसान अपनी फसल के नुकसान को लेकर चिंतित हैं। पकी हुई खड़ी फसल के साथ कटी फसल करपा में नहर का पानी भर गया है। सूत्रों के मुताबिक इससे हजारों एकड़ धान की फसल खराब होने की आशंका है। पानी भरने की वजह से धान में अंकुरण भी आने लगा है। जाहिर है कि यह फसल खराब हो चुकी है। इधर धान बेचने की तैयारी में जुटे किसानों के सामने बड़ी दिक्कत आना भी तय है। कोलियार्ड नाले में पानी खेतों में घुस रहा है। किसानों ने संयंत्र अधिकारियों को एक हफ्ता से पहले ही इसकी सूचना दे दी थी। इसके बावजूद अब तक कोई पहल नहीं हुई। इसके चलते किसानों का आक्रोश भी फूट रहा है।मुआवजे व कार्रवाई की मांग खेतों में लगातार पानी भरने की शिकायत के बाद भी संयंत्र के अधिकारी ने सुध नहीं ली। इसके बाद किसानों ने कलेक्टर से मिलने की तैयारी की है। किसानों ने इस नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा मांगा है। संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।
फसल संयंत्र के गंदे पानी में भीगे होने के कारण फसल अंकुरित होने लगा है। संयंत्र द्वारा विगत 40 वर्षों से गंदा पानी नाले के माध्यम से बाहर छोड़ा जा रहा है। संयंत्र से निकलने वाले पानी में कोयले के बारीक कण, प्लाई एस के बारिक कण, सीमेंट के बारिक कण,व डस्ट होने के कारण पानी के माध्यम से पके हुए फसलों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है।खेतों में पानी भरे होने के कारण किसानों को फसलों की कटाई कर फसलों को खेतों से बाहर निकालने में काफी मस्क़त करना पड़ रहा है।संयंत्र से निकलने वाला काला पानी क्षेत्र के किसानों के लिए इन दिनों काला पानी की सजा बना हुआ है। संयंत्र द्वारा 12 माह गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे फसल बुवाई के दिन में भी किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फसल बुवाई के दिनों में संयंत्र से निकलने वाला गंदा पानी खेतों में जाकर जम जाता है जिस कारण बीज अंकुरित होने से पहले ही खराब हो जाता है जिससे किसानों को खेतों में फसल के लिए डबल बुवाई का भी खर्च उठाना पड़ता है। खेतों में संयंत्र से निकलने वाला गंदा पानी पहुंचकर खेतों की उर्वरक क्षमता को भी नष्ट कर रहा है। किसानों द्वारा समय-समय पर संयंत्र के संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया है परंतु संयंत्र के अधिकारी समस्या को दूर करने के बजाय समस्या को बढ़ाने में लगे हुएं हैं। फसल की बुवाई के समय किसानों द्वारा जिला कृषि अधिकारी से शिकायत किया गया था। संबंधित अधिकारी के द्वारा खेतों का मुआयना किया गया था साथ ही संयंत्र के अधिकारियों को शासकीय अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था। परंतु समस्या से अवगत होने के बावजूद संयंत्र के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
कुछ किसान तो खेतों में 12 माह पानी भर होने के कारण किसानी भी करना छोड़ दिए हैं।एक ओर अंबुजा फाउंडेशन किसानों के हित व उन्नत फसल उगाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने का ढिंढोरा पीटती है तो वही दूसरी ओर किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचा कर किसानों को शारीरिक मानसिक आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने में लगी हुई है संयंत्र के द्वारा संयंत्र लगने के पूर्व होने वाले जनसुनवाई में किसानों का हितेषी बनकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों को जनसुनवाई को सफल बनाने के लिए अपील करती है तथा शासकीय अधिकारियों के सामने किसान हितैषी होने का दिखावा करती है परंतु जैसे ही संयंत्र निर्माण होना प्रारंभ होता है वैसे वैसे संयंत्र का दोहरा चाल चरित्र सामने आने लगता है। किसानों के हितेषी होने के सारे वादे असल में खोखले साबित होने लगते हैं। संयंत्र का धीरे-धीरे असली चेहरा सामने आने लगता है स्थानीय लोगों को पछतावे के शिवाय कुछ हासिल नहीं होता है। संयंत्र का कथनी और करनी में बहुत अंतर है जिसके कारण संयंत्र के प्रति स्थानीय लोगों में काफी रोष व्याप्त है।

1 पीड़ित किसान धनेश्वर साहू ने कहा कि बारो माह खेत में संयंत्र से निकलने वाला पानी भरे होने के कारण मैं किसानी करना ही छोड़ दिया हूं। समस्या के बारे में संयंत्र के अधिकारियों को अवगत कराने से कोई फायदा नहीं होता है। सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है।

2 पीड़ित किसान नंदू साहू ने कहा कि फसल बुवाई के समय भी संयंत्र द्वारा पानी छोड़ दिया जाता है। जिसके कारण फसल बुवाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है संयंत्र के अधिकारीयों के ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने के कारण अधिकारी मदमस्त और क्षेत्र के किसान त्रस्त है ।

3 पीड़ित किसान दशमत बाई ने बताया कि किसानी ही एकमात्र हम लोगों का जिविका पार्जन का साधन है उसे भी संयंत्र बर्बाद कर रही है। संयंत्र के पानी से पूरा फसल बर्बाद हो जाता हैं शिकायत के बाद भी कुछ हल नहीं निकलता है। हम लोग संयंत्र के दोहरे रवैया से काफी परेशान हैं।

4 पीड़ित किसान छेदु वर्मा ने कहा कि शासकीय कर्मचारी भी संयंत्र के मेहमान नवाजी के सामने नतमस्तक है जिसके कारण संयंत्र के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होती है। हर साल संयंत्र के अधिकारी खेतों को देखने आते हैं परंतु जब जब किसानों द्वारा मुआवजे की मांग की जाती तब तब संयंत्र के अधिकारी मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं।

इस संबंध में संयंत्र के गिरधर मिश्रा‌ ने कहा कि संयंत्र से निकले वाले नेचुरल पानी है

इस संबंध में ग्राम पंचायत रवान के सरपंच निकिता भारती का कहना है कि किसानों ने अवगत किया नाले बेशर्म पौधा का साफ सफाई करवाएंगे

जिला के कृषि अधिकारी जितेंद्र कंवर इस संबंध में कहना है कि हमें किसी प्रकार की जानकारी नहीं है आपके द्वारा जानकारी मिल हैं शिकायत आने के बाद आवश्यक कार्रवाई किया जाएगा

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