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मिरर ने लॉन्च किया सिज़ल: महिलाओं की सेक्शुअल वेलनेस के लिए साइंस-बैक्ड सपोर्ट 12 प्लांट-बेस्ड इंग्रीडिएंट्स से बना, सिज़ल महिलाओं की लिबिडो, हॉरमोनल बैलेंस और इमोशनल वेलनेस को सपोर्ट करता है


भोपाल

01 नवंबर 2025,भारत: महिलाओं की वेलनेस इनोवेशन में अग्रणी ब्रांड मिरर ने आज अपना नया प्रोडक्ट सिज़ल (SIZZLE) लॉन्च किया, एक ऐसा न्यूट्रास्यूटिकल जो महिलाओं को इंटिमेसी, एनर्जी और बैलेंस दोबारा पाने में मदद करता है। सिज़ल में नेचर और साइंस का परफेक्ट ब्लेंड है, इसमें अडैप्टोजेन्स, एमिनो एसिड्स, विटामिन्स और मिनरल्स शामिल हैं, जो डिज़ायर को फिर से जगाने, एनर्जी बढ़ाने और इमोशनल कनेक्शन मजबूत करने में मदद करते हैं।
“लो लिबिडो सिर्फ इंटिमेसी की बात नहीं है — ये एनर्जी, कॉन्फिडेंस और अपने आप व अपने पार्टनर से जुड़ाव की भावना से जुड़ा होता है,” मिरर के फाउंडर और सीईओ संजित शेट्टी ने कहा। “सिज़ल महिलाओं को उनकी पूरी वाइटैलिटी अपनाने, स्ट्रेस से जुड़ी लिबिडो की गिरावट कम करने और बैलेंस दोबारा पाने में एक सेफ, नैचुरल तरीका देता है।”
कई महिलाएं, खासकर 30s के बाद, हॉरमोनल बदलाव और लाइफस्टाइल स्ट्रेस की वजह से सेक्शुअल डिज़ायर में कमी महसूस करती हैं।
एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन कम हो जाते हैं, जबकि क्रॉनिक स्ट्रेस कॉर्टिसोल बढ़ा देता है — जिससे लिबिडो और एनर्जी दोनों पर असर पड़ता है।पुअर स्लीप, फटीग और ज़िंक, मैग्नीशियम व बी विटामिन्स की कमी से हॉरमोनल बैलेंस और भी कमजोर हो जाता है। एंग्ज़ायटी और इमोशनल ओवरलोड मिलकर डिज़ायर को सस्टेन करना मुश्किल बना देते हैं।
सिज़ल इन रूट कॉज़ेज़ को अड्रेस करता है, खासकर 30+ महिलाओं के लिए, एक होलिस्टिक फॉर्मूला के ज़रिए:
• हॉरमोनल बैलेंस: शतावरी और मेथी एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन को रेगुलेट करते हैं, रिप्रोडक्टिव और वेजाइनल हेल्थ को सपोर्ट करते हैं।
• अराउज़ल और ब्लड फ्लो: एल-आर्जिनिन, माका और जायफल सर्कुलेशन, रेस्पॉन्सिवनेस और स्टैमिना को बढ़ाते हैं।
• स्ट्रेस और मूड सपोर्ट: अश्वगंधा, जिनसेंग और कपिकच्छु कॉर्टिसोल कम करते हैं और डोपामिन बढ़ाते हैं, जिससे मूड और डिज़ायर बेहतर होता है।
• वाइटैलिटी और कॉन्फिडेंस: मैग्नीशियम, ज़िंक, विटामिन डी3, विटामिन बी6 और सेलेनियम एनर्जी, स्लीप और हॉरमोनल स्ट्रेंथ को रिस्टोर करते हैं।
क्यों है सिज़ल अलग
जैसे-जैसे महिलाएं लेट 30s या उससे आगे बढ़ती हैं, हॉरमोनल चेंजेज़ और स्ट्रेस दोनों सेक्शुअल वेलनेस को प्रभावित करते हैं। एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन कम होते हैं, और स्ट्रेस बढ़ने से कॉर्टिसोल का लेवल ऊंचा रहता है, जिससे लिबिडो नैचुरली कम हो जाता है। हाई कॉर्टिसोल एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन की एक्टिविटी को दबाता है और डोपामिन को भी डिस्टर्ब करता है, जिससे प्लेज़र और कनेक्शन की भावना घट जाती है।
इसके अलावा, न्यूट्रिशन की कमी भी बड़ा कारण है, ज़िंक और मैग्नीशियम की कमी से हॉरमोन्स सही से बन नहीं पाते, और विटामिन डी की कमी से मूड और एनर्जी दोनों प्रभावित होते हैं। स्लीप की कमी इन सबको और खराब करती है, जिससे वाइटैलिटी और इंटिमेसी ड्राइव कम हो जाती है।
आज के ज़्यादातर प्रोडक्ट्स या तो सिर्फ हॉरमोनल हर्ब्स पर फोकस करते हैं, या सिर्फ मूड या सर्कुलेशन पर।
सिज़ल इन सबको एक साथ लाता है, एक कम्प्लीट, क्लीन फॉर्मूला में। ये शॉर्ट-टर्म स्टिम्युलेशन नहीं देता, बल्कि लो लिबिडो के असली कारणों, हॉरमोनल शिफ्ट्स, स्ट्रेस, पुअर सर्कुलेशन और न्यूट्रिशन की कमी को अंदर से ठीक करता है।
क्या सिज़ल आपके लिए है?
अगर आपको डिज़ायर में कमी, इंटिमेसी में मुश्किल, स्ट्रेस से थकान, या हॉरमोनल बदलाव (जैसे पेरीमेनोपॉज़, पोस्टपार्टम या बर्नआउट) महसूस हो रहा है, तो सिज़ल आपके लिए बनाया गया है।
ये सिर्फ लिबिडो एनहांसर नहीं है — ये खुशी, कॉन्फिडेंस और इमोशनल जुड़ाव वापस पाने का एक तरीका है।
सिज़ल अब उपलब्ध है

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